
देहरादून: उत्तराखंड में सीएम धामी के आदेशों पर प्रमुख पर्यटन स्थलों – कैंची धाम और मसूरी में इस बार पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
आंकड़ों के मुताबिक, बीते वर्षों की तुलना में इस बार पर्यटक संख्या में 300 फीसदी तक इजाफा हुआ है। इस बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने अब कैंची धाम में चारधाम की तर्ज पर पंजीकरण व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।
पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि, कैंची धाम में हर महीने करीब 2 लाख से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक पहुंच रहे हैं।
इसके चलते यातायात जाम, अव्यवस्था और स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक व्यवस्थित योजना तैयार की है, जिसके तहत: कैंची धाम में अब यात्रा से पहले पंजीकरण जरूरी होगा
स्थल की ‘कैरिंग कैपेसिटी’ (कुल वहन क्षमता) का आकलन किया जाएगा
मसूरी और कैंची धाम में NPR कैमरे लगाए गए हैं, जो भीड़ पर निगरानी रखेंगे और प्रति व्यक्ति हेड काउंट सिस्टम के जरिए आंकड़ा जुटाया जाएगा
सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य न केवल पर्यटकों की सुविधा बढ़ाना है, बल्कि स्थानीय निवासियों के जीवन को सुगम बनाना भी प्राथमिकता में है।
पर्यटन को मिलेगी नई दिशा राज्य सरकार का मानना है कि यदि कैंची धाम जैसे तीर्थ व पर्यटन स्थलों को एक संगठित और तकनीक-आधारित व्यवस्था से जोड़ा जाए, तो न केवल भीड़ नियंत्रित की जा सकती है बल्कि पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा।
इसके साथ ही राज्य में पर्यटन से होने वाली आय और स्थानीय रोजगार में भी इजाफा होगा।
आने वाले दिनों में लागू होंगी ये व्यवस्थाएं
CCTV व NPR आधारित निगरानी प्रणाली
पार्किंग व यातायात को लेकर नई नीति भीड़ नियंत्रण के लिए समय स्लॉट आधारित दर्शन व्यवस्था पर्यटन विभाग का यह कदम उत्तराखंड में सुरक्षित, सुव्यवस्थित और पर्यावरण संतुलित पर्यटन की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।