Big Breaking:-विष्णुगाड परियोजना में पहले भी हो चुका हादसा…ग्लेशियर फटने से कई मजदूर हो गए थे लापता

विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में देर रात हुए हादसे ने पुराने हादसों की भी याद दिला दी। इस परियोजना में पहले भी घटना हो चुकी है।

विष्णुगाड परियोजना में पहले भी बड़ा हादसा हो चुका है। 2021 में ग्लेशियर फटने से परियोजना साइट पर कई मजदूर लापता हो गए थे। कई की मृत्यु हो गई थी। सात फरवरी 2021 को ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा नदी में बाढ़ आ गई थी।

इससे तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना साइट पर भारी नुकसान हुआ था। जल विद्युत परियोजना की सुरंग में मलबा और पानी भर गया ता। इस हादसे में कई मजदूर लापता हो गए थे। सौ से अधिक मजदूरों की मौत हो गई थी।

प्रमुख सुरंग हादसे

पिथौरागढ़ टनल हादसा (अगस्त 2025): पिथौरागढ़ में भूस्खलन के कारण एनएचपीसी पावर हाउस की सुरंग का मुहाना बंद हो गया था, जिससे अंदर काम कर रहे 19 मजदूर फंस गए थे।


सिलक्यारा टनल हादसा (नवंबर

2023): उत्तरकाशी के सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर 2023 को ढह गया था। इसमें 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिनों के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन (ऑपरेशन सिलक्यारा) के बाद सुरक्षित निकाला गया। इस सुरंग में पिछले 5 वर्षों में करीब 20 छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं।


तपोवन-विष्णुगाड हादसा (फरवरी

2021): चमोली की ऋषिगंगा त्रासदी के दौरान, एनटीपीसी के तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की सुरंग में बाढ़ का पानी और मलबा भर गया था। हादसे में 100 से अधिक की मौत हुई।

ये है घटनाक्रम

जानकारी के अनुसार मंगलवार देर रात टनल के भीतर मजदूरों को लाने-ले जाने वाली दो लोको ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी गौरव कुमार एवं पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचे और वहां भर्ती घायलों का हालचाल जाना तथा चिकित्सकों को बेहतर उपचार के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 60 घायल होने की सूचना है। इसमें से 42 घायल लोगों का उपचार जिला अस्पताल गोपेश्वर में और 17 घायल मजदूरों का उपचार विवेकानंद अस्पताल पीपलकोटी में किया जा रहा है अन्य की स्थिति सामान्य है। सभी घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

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