Big Breaking:-थलसेना प्रमुख बोले-आधुनिक युद्ध अब केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित नहीं, इन आयामों को बताया महत्वपूर्ण

आईएमए पासिंग आउट परेड में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ देते हुए कूटनीति और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में परिस्थितियां जटिल होंगी, जिनमें स्पष्ट समाधान सदैव उपलब्ध नहीं होंगे।

आधुनिक युद्ध अब केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित नहीं है। इसमें तकनीकी, कूटनीतिक और सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं।

भारतीय सेना आधुनिकीकरण और नवाचार की दिशा में लगातार अग्रसर है और नव-नियुक्त अधिकारी भी इस परिवर्तन प्रक्रिया के महत्वपूर्ण स्तंभ होंगे। ये बातें आईएमए की 157वीं पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कही।

आईएमए पासिंग आउट परेड में शनिवार को ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर से थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ देते हुए कूटनीति और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में परिस्थितियां जटिल होंगी, जिनमें स्पष्ट समाधान सदैव उपलब्ध नहीं होंगे।

ऐसे में अधिकारियों से विवेक, अनुकूलन क्षमता और उच्च नैतिक मूल्यों के साथ नेतृत्व की अपेक्षा होगी। उन्होंने कहा कि अकादमी में बने आपसी संबंध देश के बीच रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होंगे।

जीवन और भौतिक सुख क्षणिक हैं, जबकि धर्म और कर्तव्य शाश्वत है। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों से सम्मान, निष्ठा और साहस के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया।

इसके साथ ही उन्होंने युवा अधिकारियों से अनुकरणीय आचरण अपनाने, नैतिकता बनाए रखने और अपने सैनिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने का आह्वान किया।

उन्होेंने कैडेट्स से कहा कि आप अब उस स्थान पर हैं जहां से अन्य लोग आपको अपने प्रेरणास्रोत के रूप में देखते हैं। पीओपी में अंतिम पग भरकर भारतीय सेना को 525 युवा अधिकारी मिले। मित्र राष्ट्र के 34 जेंटलमैन कैडेट्स भी पासआउट हुए।

हे भारत के वीर जगो मैं तुम्हें जगाने आया हूं…

हे भारत के वीर जगो मैं तुम्हें जगाने आया हूं…सौ धर्मों का धर्म एक बलिदान बताने आया हूं। भारतीय सैन्य अकादमी की 157वीं पासिंग आउट परेड में कविता की इन पंक्तियों ने मौजूद सैन्य अफसरों,

कैडेट्स और उनके परिजनों में जोश भर दिया। इस दौरान भारतीय सैन्य अकादमी के इतिहास और यहां से निकले फौजी अफसरों के शौर्य के बारे में बताया गया।

Army Chief Upendra Dwivedi said Modern warfare is no longer limited to military field Dehradun News

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