
उत्तराखंड में मतदाता सूची से मृतक मतदाताओं के नाम अब स्वत: हटाए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, जन्म-मृत्यु पंजीकरण डेटा को ऑनलाइन जोड़ने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में, बीएलओ यह कार्य करते हैं।
इसके अतिरिक्त, विशेष गहन पुनरीक्षण में निकायों का सहयोग भी लिया जाएगा, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी आकर बस गए हैं, जिससे मैपिंग चुनौतीपूर्ण हो गई है।
देहरादून: प्रदेश में निकट भविष्य में मतदाता सूची में से मृतक वोटरों के नाम स्वत: ही हट जाएंगे। इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय जन्म-मृत्यु पंजीकरण के डाटा को कार्यालय से आनलाइन जोड़ने की तैयारी कर रहा है।
अभी बीएलओ मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटाने का कार्य करते हैं। इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में निकायों का सहयोग लेने की भी तैयारी कर रहा है।
प्रदेश में इस समय प्री एसआइआर का कार्य चल रहा है। यह देखा गया है कि प्रदेश में इस समय बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शहरी क्षेत्रों में आकर बस गए हैं। इनकी मैपिंग करना एक बड़ी चुनौती है।
इसे देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय निकायों का भी सहयोग लेने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत प्रदेश के म्यूनिसिपल कमिश्नर को डिप्टी इलेक्शन आफिसर के रूप में तैनात किया जाना प्रस्तावित है।
राज्य सरकार इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को अनुमति दे चुका है। अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से भारत निर्वाचन आयोग को सहमति के लिए पत्र भेजा गया है।
आयोग की अनुमति यदि प्राप्त होती है तो प्रदेश में प्री एसआइआर के कार्य तेजी से हो सकेंगे। इससे न केवल मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय निकायों के डाटा का इस्तेमाल कर सकेंगे बल्कि निकाय कार्मिकों को भी इस कार्य में लगा सकेंगे।
‘नगर आयुक्तों को डीइओ बनाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त हो गई है। अब भारत निर्वाचन आयोग को अनुमति के लिए पत्र भेजा गया है।’
डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड।









