
उत्तरकाशी के मोरी तहसील के सट्टा गांव में हुए अग्निकांड में एक बुजुर्ग की जिंदा जलने से मौत हो गई और सात परिवार बेघर हो गए। चार आवासीय मकान व दो कुठार जलकर राख हो गए।
प्रशासन ने प्रभावितों के लिए अस्थायी व्यवस्था की है और प्रति परिवार पांच हजार रुपये की सहायता राशि, कंबल व तिरपाल दिए हैं। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
पुरोला: मोरी तहसील के फतेह पर्वत पट्टी के सट्टा गांव में हुए अग्निकांड में सात परिवार बेघर हो गए। हालांकि प्रशासन ने प्रभावितों के लिए अस्थायी रूप से स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में रहने की व्यवस्था की है।
लेकिन अधिकांश प्रभावितों ने गांव में ही अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है। वहीं, अग्निकांड में एक बुजुर्ग की जिंदा जलने से मौत हो गई।
बता दें कि सोमवार शाम करीब दो पांच बजे मोरी के सट्टा गांव में दो आवासीय मकानों में आग लग गई थी। देखते ही देखते आग ने पास के दो और भवनों को अपनी चपेट में ले लिया। आग से चार आवासीय मकान व दो कुठार जलकर पूरी तरह राख हो गए। इस अग्निकांड में आसमू पुत्र खडू की जिंदा जलने से मौत हो गई।
घटना से परमीना लाल पुत्र सरोली, पंकज पुत्र दूधा लाल, निदेश पुत्र परमीना लाल, भूमालाल पुत्र बेगरा, संतोष पुत्र धन दास, मनीष पुत्र ज्ञानपुर तथा विजेंद्री देवी पत्नी राजेंद्र लाल सहित कुल सात परिवार प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन व राजस्व विभाग ने प्रति प्रभावित परिवार को पांच हजार रुपये की अहेतुक राशि प्रदान की है। साथ ही कंबल व तिरपाल भी उपलब्ध कराया है।
गांव में 90 प्रतिशत तक लकड़ी से बने घर होने के कारण आग के तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है। समय रहते आग बुझाने से अन्य मकानों को सुरक्षित बचाने में सफलता मिली है।
उप जिलाधिकारी पुरोला मुकेश रमोला ने बताया कि ग्राम सट्टा में कुल 160 परिवार रहते हैं। गांव की आबादी लगभग 600 है। आग लगने के कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
एसडीएम ने बताया कि राजस्व विभाग की ओर से अग्निकांड से हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को नियमानुसार आगे भी आर्थिक सहायता शीघ्र प्रदान की जाएगी।







