Big Breaking:-अब फ्लाइंग सर्वे के बाद भू-सत्यापन की तैयारी, चार निकायों में डिजिटल रिकॉर्ड का चल रहा काम

उत्तराखंड के चार निकायों में भूमि का डिजिटल रिकार्ड तैयार करने का काम चल रहा है।चार निकायों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत भूमि का डिजिटल रिकार्ड को तैयार करने की कोशिश काफी समय से चल रही है। इसके तहत अल्मोड़ा, भगवानपुर, किच्छा और नरेंद्र नगर पालिका को चिह्नित किया गया है।

प्रदेश में भूमि का डिजिटल रिकार्ड तैयार करने के लिए फ्लाइंग सर्वे के बाद भू सत्यापन (ग्राउंड ट्रूथिंग) की तैयारी है। इसके लिए भगवानपुर में राजस्व कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा मौके पर सत्यापन की प्रक्रिया के तहत ही रोवर्स मशीनें भी खरीदी गईं हैं।

प्रदेश में नक्शा प्रोजेक्ट के तहत चार निकायों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत भूमि का डिजिटल रिकार्ड को तैयार करने की कोशिश काफी समय से चल रही है। इसके तहत अल्मोड़ा, भगवानपुर, किच्छा और नरेंद्र नगर पालिका को चिह्नित किया गया है।

इसमें नरेंद्र नगर निकाय को छोड़कर बाकी तीन जगह पर पहले चरण के फ्लाइंग सर्वे (नक्शा) का काम पूरा हो चुका है। नरेंद्र नगर में काम चल रहा है। अब अगले चरण में फ्लाईंग सर्वे के तहत जो जानकारी मिली है, उसका धरातल पर सत्यापन करने का काम किया जाना है। इसके लिए भगवानपुर में राजस्व टीमों का प्रशिक्षण का काम शुरू किया गया है।

चारों निकायों में सत्यापन का काम नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य

करीब 10 दिन तक राजस्व कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही भगवानपुर में फील्ड कार्य भी कराया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद टीमें संबंधित निकायों में सत्यापन करेंगी। इसके लिए रोवर्स मशीनें (जमीन की डिजिटल मैपिंग के काम आता) भी खरीदी गई हैं।

चारों निकायों में सत्यापन का काम नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। स्थलीय सत्यापन के बाद अभिलेखों के मिलान, भूस्वामियों का पक्ष लेने का काम होगा। इन प्रक्रियाओं के बाद डिजिटल तौर पर पहली बार भूमि का रिकार्ड तैयार हो सकेगा।

चार निकायों में भूमि का डिजिटल रिकार्ड तैयार करने का काम चल रहा है। अब ग्राउंड ट्रूथिंग का काम शुरू किया जाना है, इसके लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है।

भूमि का डिजिटल रिकार्ड तैयार होने से भूमि संबंधी विवादों में कमी आ सकेगी। योजनाओं को तैयार करने में मदद मिलेगी। 

रंजना राजगुरु, सचिव राजस्व परिषद

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