Big Breaking:-PM नरेन्द्र मोदी ने कीवी को बताया था भविष्य की खेती, उत्तराखंड में अब इस ओर तेजी से बढेंगे कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने कीवी को भविष्य की खेती बताया था। उत्तराखंड सरकार अब राज्य में कीवी की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बना रही है।

किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। सरकार बाजार तक पहुंच में भी मदद करेगी ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।

देहरादून: फलोत्पादन की दृष्टि से उत्तराखंड अब कीवी और ड्रैगन फ्रूट की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने जा रहा है।

राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के विकास के अगले 25 वर्ष के रोड मैप का जो खाका खींचा था, उनमें कीवी जैसे फलों को भविष्य की खेती करार दिया था। प्रधानमंत्री का संदेश साफ था कि इसे लेकर तेजी से कदम बढ़ाने की जरूरत है।

इसी कड़ी में राज्य सरकार अब कीवी नीति और ड्रैगन फ्रूट योजना को तेजी से धरातल पर मूर्त रूप देने की तैयारियों में जुट गई है। इन दोनों फलों के उत्पादन से 18 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है।

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को फल-पट्टी के रूप में विकसित करने पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। सेब उत्पादन के मामले में राज्य, देश में तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा नींबू वर्गीय समेत अन्य फलों का उत्पादन ठीकठाक है।

इसी कड़ी में कीवी व ड्रैगन फ्रूट जैसे आधुनिक फलों का जायका भी लगाया जा रहा है। कारण यह कि इनकी अच्छी-खासी मांग है और किसान को आय भी बेहतर होती है। इसके लिए सरकार बाकायदा कीवी नीति और ड्रैगन फ्रूट योजना लेकर आई है।

अब कीवी व ड्रैगन फ्रूट उत्पादन के दृष्टिगत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कमर कसी गई है। बागवानी मिशन के निदेशक एमएस पाल के अनुसार दोनों योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इ

सके लिए बजट भी उपलब्ध हो गया है। साथ ही किसानों को उद्यान स्थापना के दृष्टिगत मदद करने के निर्देश भी जिला स्तर पर अधिकारियों को दिए गए हैं।

कीवी नीति के प्रविधान

  • हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर को छोड़ शेष जिलों में नीति का क्रियान्वयन।
  • 894 करोड़ की कार्ययोजना का संचालन किया जाएगा वर्ष 2030-31 तक।
  • कीवी उद्यान स्थापना में कुल लागत 12 लाख प्रति एकड़ का 70 प्रतिशत अनुदान।
  • न्यूनतम दो नाली और अधिकतम 100 नाली में स्थापित हो सकेंगे कीवी उद्यान।
  • 3500 हेक्टेयर क्षेत्रफल को आच्छादित करने का लक्ष्य, 17500 किसान जुड़ेंगे।
  • 683 हेक्टेयर में 382 मीट्रिक टन कीवी का वर्तमान में हो रहा है उत्पादन।
  • 33,000 मीट्रिक टन तक कीवी उत्पादन को ले जाने का रखा गया है लक्ष्य।

ड्रैगन फ्रूट खेती योजना

  • ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, देहरादून व टिहरी में होगी लागू।
  • उद्यान स्थापना को आठ लाख प्रति एकड़ का 80 प्रतिशत राजकीय अनुदान।
  • न्यूनतम पांच नाली और अधिकतम 20 नाली भूमि की पात्रता अनिवार्य।
  • अगले तीन वर्ष के लिए योजना में प्रस्तावित की गई है 15 करोड़ की राशि।
  • वर्तमान में 35 एकड़ क्षेत्रफल में हो रहा 70 मीट्रिक टन ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन।
  • योजना में 228 एकड़ क्षेत्रफल का होगा आच्छादन, 450 किसान होंगे लाभान्वित।
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