Big Breaking:-ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर इस बरसात में उभरे नए डेंजर जोन, जोखिम के बीच लोग सफर करने को मजबूर

ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर इस बरसात में नए डेंजर जोन उभरे हैं। ऐसे में लोग जोखिम के बीच सफर करने को मजबूर हैं।

ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर चंबा और भद्रकाली के बीच आपदा के जख्म भरने में लंबा वक्त लग सकता है। भूस्खलन और भू-धंसाव से जगह-जगह हाईवे की स्थिति खतरनाक बनी हुई है।

लोगों को जोखिम के बीच हाईवे पर सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा है। हाईवे की सबसे खराब स्थिति भिन्नू खाला, खाड़ी, आमसेरा और बगड़धार में बनी है।

उक्त स्थानों पर हाईवे भूस्खलन से संकरा हो गया है। एक साथ दो वाहन आरपार नहीं हो पा रहे हैं जिससे बार-बार ट्रैफिक रोकना पड़ रहा है। लोगों को घंटों आगे बढ़ने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर बीते अगस्त और सितंबर में अतिवृष्टि से जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। 

सितंबर में हाईवे पर भूस्खलन होने से यातायात दो-तीन दिन तक पूरी तरह बाधित रहा। भिन्नू खाला में हाईवे का 30 मीटर हिस्सा पूरी तरह वॉश आउट हो गया था जिसे बीआरओ ने फिलहाल वैकल्पिक तरीके से तैयार तो कर लिया है लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।

नागणी, आमेसरा, उपला खाड़ी, खाड़ी, बेमुंडा, ताछला, भिन्नू खला, भैंतण, आगराखाल, कुंजापुरी, सिलवन, बगड़धार, नरेंद्रनगर पुरानी चुंगी में भूस्खलन, भू-धंसाव से हाईवे खतरनाक बना हुआ है। बड़े-बड़े बोल्डर और मलबे का ढेर हाईवे किनारे लगा है।

वाहनों को वन-वे करवाकर आवाजाही कराई जा रही


भिन्नू खाला, खाड़ी, आमसेरा और बगड़धार में तो हालत बहुत खराब हैं। उक्त स्थानों पर यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात की गई है। वाहनों को वन-वे करवाकर आवाजाही कराई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाईवे किनारे डंप बोल्डर और मलबे के ढेर यातायात व्यवस्था में सबसे अधिक समस्या उत्पन्न कर रहे है।

बीआरओ को सबसे पहले मलबा और बोल्डर हटाना चाहिए। उसके बाद जल्द से जल्द सुरक्षा दीवार का निर्माण करना चाहिए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट का कहना है कि बीआरओ को जिला प्रशासन की ओर से हाईवे का पुनर्निर्माण कार्य को जल्द शुरू करने को कहा गया है।

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