Big Breaking:-इस साल अन्य वन्यजीवों की अपेक्षा भालू ज्यादा आक्रामक, 12 लोगों पर किए हमले, दो की मौत

इस साल भालू ने 12 लोगों पर हमले किए। इनमें से दो की मौत हो गई। दो दिन पहले जंगल में घास लेने गई लापता महिला गहरी खाई में भालू के हमले में बुरी तरह जख्मी हालत में मिली।

वह पेड़ की आड़ में बैठी थी। ग्रामीणों व रेस्क्यू टीम ने महिला को रस्सी के सहारे वहां से निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी पहुंचाया।

चमोली जिले में इस साल अन्य वन्यजीवों की अपेक्षा भालू ज्यादा आक्रामक बना हुआ है। वन्यजीवों के हमले में इस वर्ष 25 लोग घायल हुए हैं जिनमें 12 हमले भालू के थे।

मौजूदा समय में जिले के सभी क्षेत्रों में भालू की दहशत बनी है। सबसे ज्यादा भालू प्रभावित क्षेत्र ज्योतिर्मठ में सक्रिय है। यहां शाम होते ही भालू आबादी क्षेत्र में पहुंच रहा है।

विकासखंड दशोली, पोखरी, नंदानगर, देवाल, थराली, कर्णप्रयाग क्षेत्रों में भी भालू सक्रिय है। भालू जिले में 30 से अधिक मवेशियों को भी मार चुका है।

पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस वर्ष भालू के हमले बढ़े हैं। 2022-23 में भालू ने 7 लोगों को घायल किया था जबकि इस वर्ष अभी तक वह 12 लोगों पर हमला कर चुका है।

2023-24 में भालू की सक्रियता बढ़ी थी। तब भालू ने 11 लोगों को जख्मी किया था जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के पूर्व डीएफओ इंद्र सिंह नेगी का कहना है कि जंगल घट रहे हैं।

भालू को जंगल में पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। शीतकाल में भालू शीत निंद्रा में चला जाता है। इस दौरान इनके शरीर को चर्बी चाहिए होती है। शीतनिंद्रा में जाने से पहले वह भोजन करता है। भालू 15 सितंबर से जनवरी माह तक सक्रिय रहता है।

लापता महिला पेड़ की आड़ में जख्मी हालत में मिली
जंगल में घास लेने गई लापता महिला गहरी खाई में भालू के हमले में बुरी तरह जख्मी हालत में मिली। वह पेड़ की आड़ में बैठी थी। ग्रामीणों व रेस्क्यू टीम ने महिला को रस्सी के सहारे वहां से निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी पहुंचाया। भालू ने महिला के चेहरे को बुरी तरह जख्मी किया था। 

प्राथमिक उपचार के बाद महिला को एयर एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है। विकासखंड पोखरी के पाव गांव की रामेश्वरी देवी (45) बुधवार को घास लेने के लिए पास के जंगल में गई थी। देर शाम तक नहीं लौटने पर ग्रामीणों ने महिला की तलाश की।

भालू के हमले की आशंका पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन अंधेरा होने के कारण सर्च अभियान रोक दिया गया। ग्रामीणों को महिला की दरांती, रस्सी और परांदा एक जगह पड़ा मिला और खून के धब्बे भी दिखे। बृहस्पतिवार सुबह ग्रामीणों, वन विभाग और पुलिस ने महिला की तलाश शुरू की। 

जंगल में चौड़ा गदेरा क्षेत्र में महिला चट्टान के नीचे खाई में एक पेड़ की आड़ में जख्मी हालत में पड़ी मिली। भालू ने महिला के चेहरे को बुरी तरह जख्मी किया था। रेस्क्यू टीम ने रस्सी के सहारे कड़ी मशक्कत के बाद महिला को वहां से बाहर निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी पहुंचाया।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ. प्रियम गुप्ता, डॉ. हिमांशु और डॉ. सन्नी ने महिला का उपचार किया। डॉक्टरों ने बताया कि महिला के चेहरे पर भालू ने गहरे घाव किए हुए हैं। प्राथमिक उपचार के बाद महिला को एयर एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया।

जंगल अकेले न जाएं, झाड़ियों को काटें


वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर ने बताया कि महिला को एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों व खासकर महिलाओं से अपील की है कि जंगल अकेले न जाएं, जंगल में हल्ला मचाते हुए जाएं ताकि जानवर आसपास हो तो भाग जाए। खेतों में भी समूह बनाकर जाएं। रास्ते और खेतों के आसपास की झाड़ियों की सफाई कर लें।

भालू प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करें तकनीकी टीम


– प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों को भालू प्रभावित क्षेत्रों में तकनीकी टीम सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। रात और सुबह की नियमित गश्त करने और जरूरी उपकरणों से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

डीएफओ से मिले पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी


पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी भालू के बढ़ते हमलों के संबंध में केदारनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश दुबे से मिले। उन्होंने कहा कि आप भालू को मारो, पकड़ो जो भी करना है करो लेकिन लोगों को नुकसान नहीं होना चाहिए।

पोखरी में महिला रातभर जंगल में जख्मी पड़ी रही, क्यों नहीं उसकी रात को ही तलाश की गई। उस मुआवजे का क्या करना जब इंसान ही नहीं रहेगा। चेहरा खराब हो जाएगा,

आंख नहीं रहेगी तो चंद पैसों का वो क्या करेंगे। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी यदि भालू से निजात नहीं दिलाई तो हम यहीं बैठ जाएंगे। 

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