
आजादी के आंदोलन की सुनहरी याद दिलाने वाली जेल का होगा कायाकल्प
अल्मोड़ा। देश की आजादी की याद दिलाने वाली ऐतिहासिक अल्मोड़ा जेल का जल्द कायाकल्प होगा। कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) ने जेल का कायाकल्प करने के लिए प्रस्ताव बनाने का कार्य शुरू कर दिया। जेल का निर्माण पुराने फसाड़ में ही किया जाएगा। पुनर्निर्माण के दौरान नेहरू वार्ड से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
अल्मोड़ा में अंग्रेजों ने वर्ष 1872 में जेल का निर्माण किया गया था। आजादी के आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने यहां ब्रिटिश सरकार की ओर से दी जाने वाली तमाम यातनाएं सही थीं।
ऐतिहासिक धरोहरों और आजादी के संघर्षों को संजोने वाली जेल के जीर्णोद्धार करने की तैयारी शुरू हो गई हैं।
जेल का निर्माण उस समय अंग्रेजों ने पुरानी पहाड़ी शैली में किया था। वर्तमान में भी नई जेल का निर्माण पुरानी पहाड़ी शैली में ही किया जाएगा।
अब जेल नहीं सुधार गृह, यहां सजा काटने वालों का हृदय परिर्वतन
जेलर जयंत पांगती ने बताया कि पूर्व पीएम पंडित नेहरू की आखिरी निरुद्ध अल्मोड़ा जेल ही रही है। बताया कि ब्रिटिश काल में जेलों का निर्माण दंड देने के लिए किया जाता था लेकिन आजाद भारत में अब जेल सुधार गृह के रूप में कार्य कर रही हैं।
वर्तमान में इस ऐतिहासिक जेल में अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले के कैदियों को रखा जाता है। यहां आने वाले कैदियों का हृदय परिवर्तन हो रहा है।
ऐतिहासिक अल्मोड़ा जेल में बंद रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
- पंडित जवाहरलाल नेहरू 28 अक्तूबर 1934 से तीन सितंबर 1935 और 10 जून 1945 से 15 जून 1945 तक दो बार जेल में रहे
- हरगोविंद पंत 25 अगस्त 1930 से एक सितंबर 1930 और सात दिसंबर 1940 से चार अक्तूबर 1941 तक दो बार इस जेल में रहे
- विक्टर मोहन जोशी, 25 जनवरी 1932 से आठ फरवरी 1932 तक इस जेल में बंद रहे
- सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खां चार जून 1936 से एक अगस्त 1936 तक कैद रहे
- भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत, 28 नवंबर 1940 से 17 अक्तूबर 1941 तक बंद रहे
- देवी दत्त पंत, 06 जनवरी 1941 से 24 अगस्त 1941 तक बंद रहे
- कुमाऊं केसरी बद्री दत्त पांडे 20 फरवरी 1941 से 28 मार्च 1941 तक जेल में रहे
- आचार्य नरेंद्र देव 10 जून 1945 से 15 जून 1945 तक कैद रहे
- सैय्यद अली जहीर 25 अप्रैल 1939 से आठ जून 1939 तक इस जेल में बंद रहे
कोट-
- अल्मोड़ा स्थित ऐतिहासिक जेल का कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए सर्वे कार्य पूरा करने के साथ ही आईजी के निर्देश पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है। – हरीश पांगती, परियोजना प्रबंधक, सीएनडीएस अल्मोड़ा।