
कम पानी में भी पौधे नहीं मुरझायेंगे। पौधरोपण सफल होगा। इसके लिए भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान ने तकनीक विकसित की है।
पौधराेपण के बाद पौधों को मुरझाने का एक कारण पानी न मिलना भी होता है। अब पानी की कमी से पौधे न मुरझाएं इसके लिए भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान ने तकनीक विकसित की है। संस्थान का दावा है कि इस तकनीक के माध्यम से 90% तक पौधरोपण के सफल होने की संभावना है।
संस्थान के मृदा एवं सस्य विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक डॉ. डीवी सिंह ने बताया कि इस तकनीक को सब सरफेस प्लाटिंग कहा जाता है। इसमें करीब ढाई फीट के पौधे को लगाया जाता है, पौधे लगाने के बाद उस पर एक फीट लंबाई का खोखला बांस या पाइप ऊपर से डाला जाता है।
पौधे की लंबाई अधिक होने के कारण मिट्टी की अधिक अंदर की सतह के पास जड़ रहती है, जहां पर ऊपरी सतह की तुलना में नमी अधिक होती है।
ऐसे में पौधे को पानी की कम आवश्यकता होगी। दूसरा खोखला बांस या पाइप लगाने से जड़ पौधे के आसपास मिट्टी में नहीं बल्कि नीचे की भूमि की तरफ बढ़ेगी। इससे भी फायदा होता है।
इसका ट्रायल सेलाकुई में किया गया है। इसके अलावा बुग्गावाला, लखवाड़ और राजस्थान के अलवर प्रयोग कर देखा गया है, जिसके परिणाम काफी सकारात्मक आए हैं।
10 रुपये अधिक लागत आती है
डॉ. सिंह ने बताया कि इस पर अध्ययन वर्ष 2016 से चल रहा था, जहां पर ट्रायल कर देखा गया है, वहां पर 90 प्रतिशत तक पौधे बचे हैं। जबकि सामान्य पौधरोपण में तुलनात्मक तौर पर कम रहता है।
बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल करने जो मौजूदा एक पौधे लगाने की लागत है उसमें 10 रुपये अतिरिक्त लगता है। पर इस तकनीक के माध्यम से पौधे की बचने की संभावना बढ़ जाती है।
