
30 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हुआ था। दो मई को केदारनाथ व चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे।
लेकिन बीते दिनों आपदा के कारण यात्रा थमी रही। अब चारधाम यात्रा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 45 लाख पार हो गया है।
चारधाम यात्रा अब अंतिम चरण में है। गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 22 अक्तूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मूहूर्त में सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर विधिविधान के साथ बंद होंगे।
इसके बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में होंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर 23 अक्तूबर को बंद किए जाएंगे। कपाट बंद का मूहूर्त दो अक्तूबर को विजयदशमी के पर्व पर निकाला जाएगा।
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि नवरात्र के शुभअवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने की तिथि और मूहूर्त को पंचांग के अनुसार निकाला गया।
उन्होंने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की विग्रह डोली में भोगमूर्ति को आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना किया जाएगा
22 अक्टूबर की रात्रि में गंगा की डोली मुखबा गांव से करीब दो किमी की दूरी पर स्थित मार्कडेंय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। उसके बाद अगले दिन 23 अक्तूबर को दोपहर में गंगा जी की विग्रह डोली मुखबा गांव पहुंचेगी। वहां पर गंगा मंदिर में उनकी भोगमूर्ति को विधिविधान से शीतकाल छह माह के लिए स्थापित किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर 23 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसका मूहूर्त दो अक्टूबर को विजयदशमी के पर्व पर पंचांग के अनुसार निकाला जाएगा।
