
हरिद्वार के बहादराबाद विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी बृजपाल सिंह राठौड़ को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया था। शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
यह कार्रवाई उत्तराखंड सरकारी सेवक नियमावली के तहत हुई। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति दोहराई। शैक्षणिक कार्य सुचारु रखने के लिए प्रभार दूसरे अधिकारी को सौंपा गया है।
देहरादून : हरिद्वार जनपद के बहादराबाद विकासखंड में रिश्वत प्रकरण में रंगेहाथों गिरफ्तार किए गए खंड शिक्षा अधिकारी बृजपाल सिंह राठौड़ के खिलाफ शासन ने कार्रवाई की है।
विजिलेंस टीम की ओर से 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए जाने के बाद आरोपित अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
यह कार्रवाई उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के तहत विभागीय प्रक्रिया पूरी करते हुए की गई है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत की संस्तुति पर शासन ने आदेश जारी किए।
शासन स्तर पर की गई कार्रवाई के तहत खंड शिक्षा अधिकारी बहादराबाद का प्रभार राजकीय इंटर कालेज गैंडीखाता के प्रधानाचार्य को सौंप दिया गया है,
ताकि विकासखंड में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्य सुचारु रूप से चलते रहें और विद्यार्थियों के हित प्रभावित न हों। विजिलेंस की ओर से दर्ज मुकदमे में आरोपित अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई भी जारी है।
शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। विभागीय मंत्री डा धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार, अनियमितता और अनुशासनहीनता के प्रति सरकार की जीरो टालरेंस नीति है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में भी इस प्रकार के मामलों में कठोरतम कार्रवाई जारी रहेगी।









