
हाल ही में केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड के करीब 21 युवाओं समेत भारत के विभिन्न राज्यों के नवयुवकों को म्यांमार (बर्मा) से रेस्क्यू कर वापस लाया गया था।
मामले की जांच में एसटीएफ की टीम को पता चला कि पीड़ित युवकों की राज्य में सक्रिय एजेंटों के जरिये मानव तस्करी की गई।
विदेश में नौकरी का झांसा देकर उत्तराखंड के युवाओं की मानव तस्करी और बंधक बनाकर साइबर अपराध कराने के अंतरराष्ट्रीय गिरोह में शामिल एक एजेंट सुनील को एसटीएफ ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
सुनील ऊधमसिंह नगर के जसपुर का रहने वाला है। उससे पूछताछ के आधार पर गिरोह के अन्य बदमाशों की तलाश जारी है।
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड के करीब 21 युवाओं समेत भारत के विभिन्न राज्यों के नवयुवकों को म्यांमार (बर्मा) से रेस्क्यू कर वापस लाया गया था।
मामले की जांच में एसटीएफ की टीम को पता चला कि पीड़ित युवकों की राज्य में सक्रिय एजेंटों के जरिये मानव तस्करी की गई। ये एजेंट नवयुवकों को अच्छे वेतन की नौकरी दिलाने का झांसा देकर दिल्ली से बैंकॉक ले गए।
एक पीड़ित की खौफनाक आपबीती पर हुई कार्रवाई
एसएसपी भुल्लर ने बताया कि जसपुर के एक युवक मो. आजम की शिकायत पर बीती 12 तारीख को जसपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इसी मामले में एसटीएफ ने सुनील को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने आजम को धोखे से बैंकॉक भेजकर साइबर अपराधियों का गुलाम बनाया।
उसे वायदा तो अच्छी जिंदगी और 70 हजार रुपये वेतन दिलाने का किया लेकिन बैंकाक एयरपोर्ट पर पहुंचाने के बाद एक अन्य शख्स के जरिये नदी और जंगल के रास्ते नाव से म्यांमार पहुंचा दिया। वहां एक अन्य एजेंट के जरिये साइबर अपराधियों के हवाले कर दिया।
फिर उससे जबरन साइबर अपराध के लिए कॉलिंग करवाई जाती। आजम ने अपने पिता को फोन पर आपबीती बताई थी। पिता ने एजेंट सुनील से संपर्क किया। आरोप है कि सुनील ने उनके बेटे को वापस बुलाने के लिए चार लाख रुपये मांगे। दूसरी ओर आजम 22 अक्तूबर को किसी तरह साइबर अपराधियों के कब्जे से भाग निकला।
बॉर्डर पर आर्मी वालों को आपबीती बताई। वहां के सैन्य अधिकारियों ने भारतीय दूतावास से संपर्क करके आजम व अन्य युवाओं का रेस्क्यू करवाया। एसटीएफ की टीम ने आजम व अन्य जरियों से जुटाई गई जानकारी के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया। आगे की छानबीन जारी है। उसके विदेश स्थित साइबर अपराधियों से संपर्कों की जांच की जा रही है।
दक्षिण-पूर्व एशिया से चल रहा है मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड का जाल
विदेशों में नौकरी के नाम पर भारतीय युवाओं को साइबर अपराध के दलदल में फंसाने के ऐसे कई मामले पिछले कुछ समय में सामने आए हैं जिससे जाहिर होता है कि यह सिंडिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला है। इसकी वजह से साइबर अपराध की ताबड़तोड़ वारदात भी हो रही हैं।









