Big Breaking:-क्लाइमेट चेंज से भालू हो रहे हिंसक, वैज्ञानिकों ने बताया बारिश-बर्फबारी कनेक्शन

वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में भालू करीब 120 दिन नींद लेते हैं। ये वक्त सर्दियों में नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक होता। इस बार भालुओं की पारंपरिक गुफाएं अभी तक खाली पड़ी हैं।

उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी न होने से भालुओं की शीतनिद्रा का चक्र बिगड़ गया है। इस साल अब तक भालुओं की नींद के करीब 60 दिन कम हो गए हैं। नवंबर में शीतनिद्रा में जाने वाले इस जानवर ने अभी तक पहाड़ों पर लोगों की नींद उड़ा रखी है।

भालुओं के बिगड़े निद्राचक्र ने वन विभाग को भी चिंता में डाल दिया है। भालू अब तक सोने क्यों नहीं गए ये जानने के लिए अब विभाग उनकी गुफाओं को लेकर अध्ययन करेगा।

हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले भालू सामान्य तौर पर करीब 120 दिन नींद लेते हैं। ये वक्त सर्दियों में नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक होता। लेकिन इस बार भालुओं की पारंपरिक गुफाएं अभी तक खाली पड़ी हैं। कई गुफाएं अगस्त में आई आपदा के कारण खत्म हो चुकी हैं और कई वासस्थलों में मलबा घुस गया।

प्राकृतिक आहार में कमी भी बड़ी वजह

इसके अलावा जंगलों में फल-फूल, कंद-मूल और अन्य प्राकृतिक आहार की कमी भी बड़ा कारण है। इससे चिड़चिड़े हुए भालू इस साल अभी तक सो नहीं पाए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च के बाद गुफाएं गर्म हो जाएंगी और फिर भालू चाहकर भी नहीं सो पाएंगे। ऐसे में इस साल उनकी नींद के करीब साठ दिन कम हो गए हैं।

जंगलों के पास कूड़े से बदल रहा भोजन का तरीका

भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस सत्य कुमार का कहना है कि मौसम का बदलाव भालुओं की निद्राचक्र के लिए जरूर जिम्मेदार हैं लेकिन इसके पीछे कई और कारण भी हैं। जंगलों के आसपास कूड़ा फेंकने से भालू के साथ ही अन्य जंगली जानवरों के भोजन का तरीका बदल रहा है। कूड़े में भालू को आसानी से कई चीजें खाने को मिल रही हैं। इससे उनकी फूड हैबिट भी बदल रही है। इस पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।

नींद पूरी न होने से ज्यादा हिंसक हो सकते हैं भालू

नींद नहीं आने से परेशान भालू भविष्य में और खतरनाक हो सकते हैं। भालुओं के पास सोने के लिए भी सीमित दिन बचे हैं। इसके बाद गर्मियों में भालू सो नहीं पाते। इससे भालू ज्यादा हिंसक हो सकते हैं। ऐसे में वन विभाग लोगों को लगातार सतर्क कर रहा है।

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