
दूरस्थ पर्यटन व धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान बनाने के लिए प्रदेश सरकार पर्वतमाला मिशन पर पर काम कर रही है।
प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली को अंतरराष्ट्रीय स्तरीय स्कीइंग व टूरिस्ट डेस्टीनेशन बनाने के लिए प्रदेश सरकार नई योजना बना रही है। औली से गौरसो तक चेयर कार रोपवे बनाया जाएगा। इसके अलावा औली की ढलानों को स्कीइंग के लिए विकसित किया जाएगा।
दूरस्थ पर्यटन व धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान बनाने के लिए प्रदेश सरकार पर्वतमाला मिशन पर पर काम कर रही है। केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने पहले चरण में सोनप्रयाग से केदारनाथ, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब रोपवे की डीपीआर तैयार कर काम आवंटित कर दिया है।
इसके अलावा काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल, कनकचौरी से कार्तिक स्वामी, रैथल बारसू से बरनाला उत्तरकाशी की डीपीआर तैयार की जा रही है। बता दें कि जोशीमठ भू-धंसाव से औली रोपवे को नुकसान पहुंचा था। जोशीमठ से औली के बीच रोपवे को नई तकनीकी से बनाया जाना है।
वहीं, औली से आगे गौरसो की चोटी तक चेयर कार रोपवे बनाया जाएगा। पूर्व में ब्रिडकुल के माध्यम से डीपीआर तैयार की गई थी लेकिन अब सरकार एनएचएलएमएल के माध्यम से डीपीआर बनवा रही है। ब्रिडकुल की ओर से जो डीपीआर बनाई गई थी, एनएचएलएमएल उस पर ही आगे काम करेगा।
प्रदेश में 50 रोपवे हैं प्रस्तावित
पर्वतमाला मिशन के तहत प्रदेश में पर्यटन व धार्मिक स्थलों के लिए 50 रोपवे प्रस्तावित हैं। इनमें पहले चरण में छह रोपवे को प्राथमिकता पर चयनित किया गया है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे का निर्माण कार्य अदाणी एंटरप्राइजेज करेगी।
दोनों रोपवे पीपीपी मोड पर एनएचएलएमएल के साथ मिलकर बनाए जाएंगे। इन दोनों रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं को खासी राहत मिलेगी। खासकर बुजुर्ग और बच्चे आसानी से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब पहुंच सकेंगे।
औली से गौरसो के बीच चेयर कार रोपवे बनाया जाएगा। इससे स्कीइंग के लिए देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को गौरसो तक पहुंचने में आसानी होगी। एनएचएलएमएल के माध्यम से इसकी डीपीआर बनाई जाएगी। इसके अलावा औली की ढलानों को स्कीइंग के लिए विकसित किया जाएगा।
-धीराज गर्ब्याल, सचिव पर्यटन









