Big Breaking:-देहरादून-मसूरी रोड पर रात की आवाजाही पर बैन

देहरादून: 15-16 सितंबर की रात आई भारी बारिश और आपदा के बाद राजधानी देहरादून और आसपास के इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए। जलप्रलय जैसे हालातों ने जनजीवन को बुरी तरह झकझोर दिया।

देहरादून-दिल्ली हाईवे को छोड़कर राजधानी को बाकी शहरों और राज्यों से जोड़ने वाले अधिकतर मार्ग बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आकर टूट चुके थे। हालांकि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं…लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।

देहरादून-मसूरी मार्ग जो पर्यटकों और स्थानीयों के लिए सबसे अहम सड़कों में से एक है, अब दोबारा खुल गया है मगर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रात में इस मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी है। अब इस रोड पर केवल सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ही आवागमन की अनुमति होगी….जबकि रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक मार्ग पूरी तरह बंद रहेगा।

प्रशासन का कहना है कि लगातार हो रहे भूस्खलन सड़क धंसने और घने कोहरे के चलते रात के समय हादसे का खतरा कहीं ज्यादा होता है। ऐसे में यह फैसला यात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

मसूरी में दो हजार पर्यटक फंसे थे


भारी बारिश के चलते मसूरी में कई जगह सड़कें टूट गईं और शिव मंदिर के पास पुल भी बह गया। इसकी वजह से दो हजार से अधिक पर्यटक मसूरी में फंस गए थे। प्रशासन और सेना की मदद से 48 घंटे में क्षतिग्रस्त पुल की जगह बेली ब्रिज बनाकर आवाजाही बहाल की गई। इसके बाद फंसे लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया।

बड़े वाहनों पर पूरी तरह पाबंदी


प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मसूरी की ओर भारी और बड़े वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी। फिलहाल केवल छोटे वाहनों और सार्वजनिक परिवहन को ही तय समय सीमा में चलने की इजाजत दी गई है।

मसूरी में हर साल लाखों सैलानी घूमने आते हैं…लेकिन बीते दिनों की बारिश ने यहां की पर्यटन व्यवस्था पर गहरा असर डाला है। आसपास के गांवों और पहाड़ियों में भारी तबाही हुई है…जिसकी तस्वीरें अभी भी सामने आ रही हैं।

24 लोगों की मौत, 16 लापता


उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 18 सितंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार 15-16 सितंबर को आई आपदा में देहरादून जिले में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है…जबकि 16 लोग अब भी लापता हैं। उनकी खोजबीन के लिए सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।

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