
उत्तराखंड सरकार ने सरकारी विभागों में आउटसोर्स/संविदा कर्मचारियों की भर्ती पर नए नियम लागू किए हैं। अब नियमित पदों पर आउटसोर्स कर्मी तभी रखे जाएंगे जब उन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो।
ऐसे कर्मचारी अधिकतम छह माह या नियमित चयन तक ही काम कर सकेंगे। यह फैसला अनियमित नियुक्तियों को रोकने और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
देहरादून। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में अब नियमित पदों पर आउटसोर्स अथवा संविदा कर्मी तभी रखे जाएंगे जब विभाग ने इन पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी हो।
शासन ने स्पष्ट किया है कि ऐसे पद अधिकतम छह माह अथवा इन पदों के नियमित चयन जो भी पहले हो तक के लिए ही आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाएंगे।
प्रदेश में इस समय विभिन्न विभागों में नियमित पदों के रिक्त होने के कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है। शासन ने एक व्यवस्था यह की हुई है कि विभाग कार्य को सुचारू रखने के लिए आउटसोर्स पर कर्मचारी रख सकते हैं।
यद्यपि, यह व्यवस्था भी है कि नियमित पदों के सापेक्ष इनकी नियुक्ति नहीं की जाएगी। यदि इस पर बहुत अधिक आवश्यकता पड़े तो फिर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ऐसे मामलों में प्रकरणवार इनकी सुनवाई करेगी।
ऐसे प्रस्ताव कार्मिक विभाग के माध्यम से भेज जाएंगे। यह देखने में आ रहा है कि कई विभाग स्वीकृत नियमित पदों के सापेक्ष भी रिक्त पदों पर नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से भरे जाने की कार्यवाही न करते हुए इन पर संविदा,
आउटसोर्स के माध्यम से भरने और पहले से ही इन पदों पर तैनात कर्मचारियों के विस्तारीकरण का प्रस्ताव शासन को भेज रहे हैं। शासन ने इसे शासन द्वारा इस संबंध में पूर्व में किए गए आदेशों का उल्लंघन माना है।
अपर सचिव गिरधारी सिंह रावत ने इस संबंध में सभी विभागों को स्पष्ट किया है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति केवल उन्हीं प्रस्तावों पर विचार करेगी, जिनमें सीधी भर्ती को भरे जाने से संबंधित अधियाचन संबंधित आयोग अथवा चयन संस्था को भेजा जा चुका होगा।
विभाग इस संबंध में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्ताव पर इसका स्पष्ट उल्लेख करेंगे। उन्होंने सभी विभागों से इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।









