Big Breaking:-धराली आपदा…मलबे में दब चुके घरों की खोदाई करवा रहे लोग, दोबारा जीवन को पटरी पर लाने का कोशिश

पांच अगस्त को खीर गंगा में आई बाढ़ से उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में भारी तबाही मची। कई हजार घन मीटर मलबे में कई होटल और भवन दब गए थे। इस आपदा में धराली गांव के करीब 25 परिवार पूरी तरह बेघर हो चुके हैं।

धराली आपदा में अपना घर सहित सब कुछ खो चुके प्रभावित लोगों ने अब दोबारा जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास शुरू कर दिया है। गांव से राहत शिविर हटने के बाद ग्रामीण अपनी दिनचर्या को आपदा से पहले की तरह करने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों ने एक प्राइवेट जेसीबी किराये पर लेकर मलबे में दबे अपने घरों को खोदकर सामान निकालना शुरू कर दिया है।

कई लोगों के कीमती गहने और जीवनभर की कमाई मलबे में दबी है। बीते पांच अगस्त को खीर गंगा से तबाही के रूप में आए कई हजार घन मीटर मलबे में कई होटल और भवन दब गए थे। इस आपदा में धराली गांव के करीब 25 परिवार पूरी तरह बेघर हो चुके हैं।

आपदा के बाद प्रभावित लोगों के लिए समेश्वर देवता मंदिर में राहत शिविर लगाया गया था लेकिन 45 दिन बाद वह भी बंद कर दिया गया है। वहां पर अब मलबा ही मलबा पसरा हुआ है। राहत शिविर के बाद घर खो चुके लोगोंआपदा प्रभावित क्षेत्र में खोदाई करवाते ग्रामीण। ने रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों के घरों में शरण ले ली है।

अब ग्रामीण अपने जीवन को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। वह मलबे में दबे अपने घरों की लोकेशन के अनुसार जेसीबी से खोदाई करवा रहे हैं जिससे कुछ सामान तो उन्हें मिल सके।


उमेश पंवार ने बताया कि गत तीन-चार दिन पहले प्रभावित परिवारों ने निर्णय लिया कि एक जेसीबी किराये पर ली जाएगी। उससे घरों वाले स्थानों पर खुदाई कराएंगे ताकि भवन में दवा सामान मिल सके। हालांकि अभी बहुत ही कम सामान मिला है। 

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