
बाल भिक्षावृत्ति; बालश्रम पर जिला प्रशासन का प्रहार जारी; 3 बच्चे किए रेस्क्यू
बच्चों को भिक्षा नहीं; शिक्षा जरूरी; भिक्षावृत्ति व बालश्रम में संलिप्त एक-एक बच्चे को रेस्क्यू करने तक जारी रहेगा जिला प्रशासन का अभियान
देहरादून, दिनांक 23 दिसंबर 2025 जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों के क्रम में जनपद में बाल भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा निरंतर सख्त कार्रवाई की जा रही है।


इसी क्रम में DTF टीम, लेबर इंस्पेक्टर, AHTU एवं चाइल्डलाइन ऋषिकेश की संयुक्त टीम द्वारा ऋषिकेश क्षेत्र से भिक्षावृत्ति में लिप्त तीन बच्चों को रेस्क्यू किया गया।
रेस्क्यू की कार्रवाई के उपरान्त विधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए एक बालिका को बालिका निकेतन, जबकि दो बच्चों को शिशु सदन में सुरक्षित रूप से आवासित किया गया है, जहाँ उनके संरक्षण, देखभाल एवं पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की गई है।
जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में जिला प्रशासन द्वारा जनपद स्तर पर बाल भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम के उन्मूलन हेतु नियमित अभियान चलाया जा रहा है। रेस्क्यू किए गए बच्चों के मानसिक एवं सामाजिक पुनर्वास (Mind Reform) के उद्देश्य से उन्हें आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर में योग, संगीत,
खेलकूद एवं रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, ताकि उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
जिला प्रशासन द्वारा अब तक बाल भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम से रेस्क्यू किए गए 100 से अधिक बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराकर उन्हें शिक्षा से जोड़ा जा चुका है। यह पहल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य एवं समाज में उनकी सम्मानजनक पुनर्स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जिलाधिकारी ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं भी बाल भिक्षावृत्ति या बालश्रम की सूचना प्राप्त हो, तो तत्काल संबंधित विभागों अथवा चाइल्डलाइन के माध्यम से सूचित करें, ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
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