Big Breaking:-UPCL के इस फैसले से नया कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता परेशान, भटक रहे इधर-उधर

देहरादून में ऊर्जा निगम के अवर अभियंताओं पर मनमानी का आरोप है। उपभोक्ताओं से सर्विस केबल के पैसे लेने के बाद भी उन्हें केबल नहीं दी जा रही है। आरटीआई से पता चला कि स्टोर में केबल उपलब्ध है, जबकि अभियंता केबल की कमी बता रहे हैं। इस मामले में नियामक आयोग से शिकायत की गई है, जिससे निगम की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।

  1. अवर अभियंता पर मनमानी का आरोप
  2. केबल के पैसे लेकर भी केबल नहीं
  3. आरटीआई से स्टोर में केबल होने का खुलासा

देहरादून। ऊर्जा निगम में कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। मोहनपुर उपखंड अधिकारी कार्यालय में तैनात कुछ अवर अभियंताओं पर विद्युत नियामक आयोग के आदेशों की खुली अवहेलना का आरोप लगा है। मामला नए उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन जारी करते समय सर्विस केबल (सर्विस लाइन) न देने से जुड़ा है।

जानकारी के अनुसार, कई उपभोक्ताओं ने जब नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया, तो उनसे जमानत राशि और सर्विस केबल की धनराशि वसूली गई, लेकिन उन्हें वास्तविक रूप से केबल उपलब्ध नहीं कराई गई।

आश्चर्य की बात यह है कि अवर अभियंता स्वयं आनलाइन स्थलीय रिपोर्ट लगाकर एसडीओ से अनुमोदन करवा रहे हैं, जबकि बाद में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि स्टोर में केबल उपलब्ध नहीं है।

उत्तराखंड पहाड़ी महासभा की महासचिव गीता बिष्ट ने इस मामले में सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी मांगी। उनके पास आए जवाब में अवर अभियंताओं ने लिखा कि स्टोर में केबल न होने के कारण उपभोक्ताओं को सर्विस लाइन नहीं दी जा रही है। लेकिन, स्टोर विभाग के कर्मचारियों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।

उनका कहना है कि स्टोर में केबल की कोई कमी नहीं है और अवर अभियंताओं को उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में केबल उपलब्ध कराई जा रही है।

इस पूरे मामले ने ऊर्जा निगम की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। पहाड़ी महासभा की ओर से इस संबंध में ऊर्जा निगम के उच्चाधिकारियों के साथ ही उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग से भी शिकायत करने की बात कही है।

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