
देहरादून। आबकारी विभाग में लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी पर आज कड़ा संदेश देते हुए आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने गढ़वाल मंडल और जिला आबकारी अधिकारी, देहरादून के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान कई अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित पाए गए, जिससे आयुक्त का पारा चढ़ गया।
सूत्रों के अनुसार, आयुक्त अनुराधा पाल बिना किसी पूर्व सूचना के निरीक्षण के लिए कार्यालय पहुंचीं। उनका उद्देश्य विभागीय कार्यप्रणाली, उपस्थिति और दैनंदिन कार्यों की प्रगति का जायजा लेना था। लेकिन कार्यालय में प्रवेश करते ही उन्होंने पाया कि कई महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित हैं।
यह स्थिति देखकर उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा और नदारद रहने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकारी दफ्तरों में समयबद्ध उपस्थिति और कार्य निष्पादन जनता की सेवा के लिए अत्यंत आवश्यक है।
अधिकारियों की गैर-मौजूदगी न केवल कार्य की गति को धीमा करती है, बल्कि विभाग की छवि को भी धूमिल करती है। उन्होंने कहा, “जब अधिकारी ही अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर नहीं होंगे तो आम जनता को समय पर सेवाएं कैसे मिल पाएंगी?”
आयुक्त ने चेतावनी दी कि यदि कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो विभागीय कार्रवाई से लेकर सेवा संबंधी दंड तक की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की स्थिति न दोहराई जाए और सभी अधिकारी-कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचें।
गौरतलब है कि आबकारी विभाग में समय-समय पर औचक निरीक्षण किए जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी कार्य सुचारू रूप से और पारदर्शिता के साथ हो रहा है। लेकिन आज के निरीक्षण में सामने आई स्थिति से यह साफ है कि विभाग के भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
जनता और विभागीय हित में आयुक्त की यह सख्ती एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है, जिससे भविष्य में कर्मचारियों की कार्यशैली में सुधार आ सकता है। यह कार्रवाई अन्य जिलों और मंडलों के लिए भी एक चेतावनी है कि लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।