Big Breaking:-उत्तराखंड में सरकारी कर्मियों को प्रमोशन में छूट का तोहफा, कैबिनेट के फैसले के बाद शासन ने जारी की संशोधित नियमावली

उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है! अब उन्हें उच्च पदों पर पदोन्नति में भी अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण का लाभ मिलेगा। शासन ने नियमावली में संशोधन कर दिया है,

जिससे पदोन्नति में सेवा अवधि की गणना में छूट शामिल होगी। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

देहरादून। प्रदेश में अब सरकारी कार्मिकों की पदोन्नति में अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए शासन ने उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण संशोधन नियमावली जारी कर दी है।

इसमें स्पष्ट किया गया है कि पदोन्नति के दौरान पूरे सेवाकाल की अवधि संबंधी अर्हता में भी शिथिलीकरण की अवधि को शामिल किया जाएगा।

प्रदेश के कई सरकारी विभागों में इस समय अर्हकारी सेवा में मिली छूट की अग्रिम पदोन्नति में गणना नहीं की जा रही थी। दरअसल, कार्मिकों को शुरुआती सेवा में एक पद से दूसरे पद की शुरुआती पदोन्नति के लिए तय सीमा में उन्हें अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण का लाभ मिलता है। वरिष्ठ पदों पर पदोन्नति के सेवा अवधि का एक निश्चित कालखंड तय है।

इसमें यह देखा गया कि अर्हकारी सेवाओं में शिथिलीकरण की जो छूट उन्हें पहले मिली थी उसकी गणना नहीं की जाती। अब इसके लिए शासन ने नियमावली में संशोधन कर दिया है।

इसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी संवर्ग में पद क से ख के लिए पदोन्नति की न्यूनतम सेवावधि छह वर्ष है। इसमें दो वर्ष परिवीक्षा अवधि भी शामिल है तो इसमें कार्मिक को 50 प्रतिशत शिथिलता नियमित चार वर्ष में मिलेगी।

यानी उसे पदोन्नति में दो वर्ष की शिथिलता मिलेगी। जब वह उच्चतर पद पर पदोन्नत होगा और उस पर पद न्यूनतम सेवा 18 वर्ष की होनी चाहिए तो कार्मिक को अधीनस्थ सेवा पर 16 वर्ष की सेवावधि पूरी करने पर इसका लाभ मिल सकेगा। कैबिनेट के निर्णय के बाद सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

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