
टिक फीवर कुत्तों और बिल्लियों पर अटैक कर रहा है। हरिद्वार, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से लोग अपने पशुओं को रुड़की चिकित्सालय ला रहे हैं।
आपके घर में कुत्ते या बिल्लियां है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। टिक फीवर से पालतू बिल्ली और कुत्ते संक्रमित हो रहे हैं। हरिद्वार, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से लोग पालतू कुत्ते और बिल्ली को रुड़की ब्लॉक स्थित पशु चिकित्सालय लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि टीकाकरण, साफ-सफाई से अपने जानवरों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।
इन दिनों कुत्तों और बिल्लियों में टिक फीवर फैल रहा है। यह संक्रमण आपके पालतू जानवर के फेफड़े तक खराब कर सकता है। उल्टी दस्त, भूख न लगना व अन्य गंभीर बीमारी से आपका पालतू जानवर जान तक गवां सकता है। पशु चिकित्सक रोहित सिंह ने बताया कि मंगलवार को दिनभर में छह से अधिक कुत्ते-बिल्ली का उपचार किया गया।
कई को दवा दी है जबकि कुछ को ग्लूकोज भी लगे हैं। सहारनपुर निवासी एक व्यक्ति भी अपने कुत्ते का इलाज कराने के लिए चिकित्सालय पहुंचा था। टिक फीवर से उसके फेफड़े खराब हो गए हैं।
उपचार
नियमित जांच : अपने पालतू जानवरों के बालों की नियमित रूप से जांच करें और यदि टिक दिखें तो उन्हें हटा दें।
टिक निवारक उपाय : टिक शैम्पू, स्प्रे और अन्य निवारक उत्पादों का उपयोग करें।
आसपास की सफाई : अपने घर और बगीचे को साफ-सुथरा रखें ताकि टिक पनप न सकें।
पशु चिकित्सक से सलाह : सही निवारक उत्पादों और नियमित देखभाल के लिए अपने पशु चिकित्सक से सलाह लें।
लक्षण
-सुस्ती और कमजोरी
-भूख न लगना
-मसूड़ों और नाक से खून आना
-पीले मसूड़े (एनीमिया के कारण)
-सूजी हुई लिम्फ नोड्स
-जोड़ों में सूजन, दर्द या लंगड़ापन
-बिना कारण वजन कम होना
-गहरे रंग का मूत्र









