Big Breaking:-उत्तराखंड की रजत जयंती के इस ऐतिहासिक वर्ष में देवभूमि के आँगन से उठी है एक नई आध्यात्मिक गूंज

उत्तराखंड की रजत जयंती के इस ऐतिहासिक वर्ष में देवभूमि के आँगन से उठी है एक नई आध्यात्मिक गूंज

सोशल मीडिया पर भी भक्ति-भावना की लहर छा गई — #SantoKaAshirwadDhamiKo ट्रेंड हुआ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मिला है संत समाज का विशेष आशीर्वाद

देशभर के प्रमुख संतों ने एक स्वर में कहा, “धामी हैं देवभूमि के धर्मरक्षक”

“संत समाज ने दी रजत जयंती की बधाई”

“लव जिहाद, धर्मांतरण पर सख्ती के लिए सराहना”

“उत्तराखंड बन रहा है स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन”

“संत समाज बोले — धामी हैं धर्म और संस्कृति के सच्चे पुरोधा”

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का मुख्यमंत्री आवास आज आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत दिखाई दिया। राज्य की रजत जयंती के मौके पर देशभर के संत, महामंडलेश्वर और धर्माचार्य एक साथ जुटे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर पहुंचे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कवि व चिंतक डॉ. कुमार विश्वास, प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी, आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती,

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रविंद्रपुरी महाराज, महामंत्री श्री हरिगिरि महाराज, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण और अन्य गणमान्यजनों ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हुए राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्व होने की शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री धामी ने सभी संतों का स्वागत करते हुए कहा कि “देवभूमि की संस्कृति और आस्था को अक्षुण्ण रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी के निर्णयों की खुलकर सराहना की। संतों ने कहा कि धामी सरकार ने धर्मांतरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद और सांस्कृतिक असंतुलन के खिलाफ सख्त कदम उठाकर देवभूमि की सनातन आत्मा को सुरक्षित किया है।

“मुख्यमंत्री धामी ने धर्म की रक्षा की है, संस्कृति को सम्मान दिया है।”
“उत्तराखंड अब केवल एक राज्य नहीं — बल्कि एक स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन बन चुका है।”

संत समाज ने कहा कि धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने विकास और धर्म को साथ लेकर चलने का अनोखा उदाहरण पेश किया है।

जहाँ एक ओर राज्य तेज़ी से इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक पर्यटन, गंगा स्वच्छता, और तीर्थ स्थलों के पुनरोद्धार से “देवभूमि” की पहचान और भी सशक्त हुई है।

कार्यक्रम के अंत में संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “आप देवभूमि के धर्मरक्षक हैं। उत्तराखंड आज जिस दिशा में बढ़ रहा है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है।”

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह रजत जयंती उत्सव न केवल राज्य की विकास यात्रा का उत्सव है बल्कि यह विकसित उत्तराखंड के मजबूत संकल्प का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि राज्य में धार्मिक पुनर्जागरण का युग गतिमान है जहाँ अधर्मियों के लिए कोई जगह नहीं है।

सीएम धामी ने कहा कि हमने सख़्त धर्मांतरण क़ानून, यूसीसी, ऑपरेशन कालनेमि जैसे सख़्त क़ानून कर कट्टरपंथियों को जेल भेजा है और लैंड जिहाद, लव जिहाद पर सख़्त कार्रवाई कर प्रदेश के मूल
स्वरूप की रक्षा की है।

उत्तराखंड की रजत जयंती के इस विशेष अवसर पर देहरादून से उठी यह आध्यात्मिक गूंज बता रही है कि धर्म, संस्कृति और विकास का संगम जब होता है, तब देवभूमि और भी दिव्य हो उठती है।

संत समाज के आशीर्वाद के साथ —
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बने हैं “देवभूमि के धर्मरक्षक”।

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