
उत्तराखंड में 2023-24 में 1209 बच्चे लापता हुए, यानी औसतन तीन बच्चे रोज़ाना। इनमें से केवल 276 बच्चे ही मिल सके, जबकि 933 आज भी गुमशुदा हैं।
यह स्थिति चिंताजनक है। वह भी तब जब प्रदेश की पुलिस हर साल लापता बच्चों को खोजने के लिए ऑपरेशन स्माइल चलाती है। गायब बच्चों को ढूंढकर उन्हें उनके अपनों के सुपुर्द करने तक के दावों का फोटोशूट होता है लेकिन एनसीआरबी की दो दिन पहले जारी रिपोर्ट ने पुलिस की पोल खोल दी है।
रिपोर्ट अनुसार उत्तराखंड में वर्ष 2023-24 में 408 बालक व 802 बालिकाएं लापता हुई हैं। इनकी उम्र 18 वर्ष या उससे कम है। पुलिस ने जिन्हें ढूंढ निकाला, उसमें 128 बालक और 148 बालिकाएं हैं।
एनसीआरबी की रिपोर्ट देश और राज्यों में अपराध के वार्षिक आंकड़े पेश करती है। इसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), विशेष एवं स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत दर्ज मामलों, साथ ही महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों के आंकड़े संकलित किए जाते हैं।
हिमालयी राज्यों की स्थिति
राज्य लापता बरामद
हिमाचल 504 81
उत्तराखंड 1209 276
सिक्किम 22 13
अरुणाचल प्रदेश 40 21
नागालैंड 47 0
मणिपुर 89 24
मिजोरम 1 0
त्रिपुरा 268 37
(नोट- आंकड़े एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार )
उत्तराखंड में कुल 6532 लोग लापता
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में वर्ष 2023-24 में कुल 6532 लोग लापता हुए हैं। इसमें 3277 पुरुष और 3255 महिलाएं हैं।
इसके अतिरिक्त पुलिस ने 2701 लापता लोगों को ढूंढा है। इसमें 1688 पुरुष और 1013 महिलाएं हैं।
