Big Breaking:-देहरादून में बिल्डरों-शराब कारोबारियों पर आयकर छापे की कार्रवाई पूरी, चार दिन बाद लौटे अधिकारी; साथ थे कई बैग

देहरादून में आयकर विभाग ने बिल्डरों और शराब कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 3 करोड़ से अधिक की नकदी और 7 करोड़ के आभूषण जब्त किए गए।

रमेश बत्ता का एक अघोषित कार्यालय भी मिला। जब्त डिजिटल उपकरणों की जांच होगी और 22 बैंक लॉकरों की भी जांच की जाएगी। कारोबारियों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।

देहरादून। राजधानी दून के बिल्डरों और शराब कारोबारियों पर आयकर विभाग की छापेमारी पूरी हो गई है। विभाग की सभी टीमें शनिवार देर रात वापस लौट आई हैं।

हालांकि, इस दौरान अधिकारियों के साथ कई बैग भी थे। बताया जा रहा है कि जिनमें बड़ी संख्या में दस्तावेज हैं। जिन्हें कारोबारियों के आवास और कार्यालयों से कब्जे में लिया गया है।

आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने मंगलवार सुबह एक साथ रियल एस्टेट से जुड़े राकेश बत्ता, रमेश बत्ता, विजेंद्र पुंडीर, इंदर खत्री, शराब व्यवसाय से जुड़े कमल अरोड़ा,

प्रदीप वालिया के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। वहीं, कारोबारियों से जुड़े दो अकाउंटेंट की जांच भी की गई। देहरादून में 16 और दिल्ली में 04 जगह यह कार्रवाई की गई।

अधिकतर जगह से आयकर टीमें शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद लौट आई थीं। लेकिन, बिल्डर राकेश बत्ता और रमेश बत्ता के आवास और कार्यालयों पर जांच जारी रही। क्योंकि, शुक्रवार को आयकर टीम को रमेश बत्ता के बल्लूपुर चौक के पास ऐसे कार्यालय का पता चला था,

जो आज तक घोषित ही नहीं किया गया था। लिहाजा, रमेश बत्ता के साथ ही राकेश बत्ता पर जांच जारी रही। हालांकि, शनिवार देर रात आयकर की इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी को संपन्न करने की घोषणा कर दी।

10 करोड़ से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त, तय होगा कर चोरी का आंकड़ा

चार दिन चली जांच के दौरान आयकर अधिकारियों ने बिल्डरों और शराब कारोबारियों के ठिकानों से 03 करोड़ रूपये से अधिक की नकदी, जबकि करीब 07 करोड़ रुपए के आभूषण, बुलियन जब्त किए हैं।

मौके पर इनकी घोषणा को लेकर ठोस जवाब न मिलने के बाद विभाग ने इन्हें अपने कब्जे में ले लिया। फिर भी सभी कारोबारियों को कब्जे में ली गई संपत्ति पर पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।

कब्जे में लिए गए डिजिटल उपकरणों की होगी फोरेंसिक जांच

आयकर विभाग के सूत्रों एक अनुसार छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरण जैसे लैपटाप, कंप्यूटर, टैब, हार्ड डिस्क आदि को कब्जे में लिया गया है। सभी की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। साफ्टवेयर के माध्यम से मौजूद डेटा का परीक्षण किया जाएगा।

जो डेटा डिलीट किए गए हैं, उन्हें रिकवर किया जाएगा। इसके अलावा विभाग का ध्यान पर जानकारी में आए 22 बैंक लाकर्स पर टिक गया है। लाकर्स से प्राप्त दस्तावेजों और संपत्ति की गहन जांच की जाएगी। जिसके आधार पर अंतिम रूप से कर चोरी तय की जाएगी।

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