Big Breaking:-पिछले साल दीपावली पर 300 पहुंच गया था AQI, इस बार 13 अक्टूबर से 24 घंटे होगी दून की हवा की निगरानी

दीपावली के अवसर पर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 13 से 27 अक्टूबर तक हवा और ध्वनि की गुणवत्ता की निगरानी करेगा। देहरादून, ऋषिकेश और टिहरी में विभिन्न स्थानों पर निगरानी की जाएगी।

इस निगरानी का उद्देश्य दीपावली से पहले और बाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) में होने वाले बदलावों को मापना है। बोर्ड ध्वनि प्रदूषण के स्तर पर भी नजर रखेगा ताकि पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सके।

  1. 13 से 27 अक्टूबर तक निगरानी
  2. दून, ऋषिकेश, टिहरी में निगरानी
  3. ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण

देहरादून। दून की हवा की गुणवत्ता अभी मध्यम स्तर की है। हम न तो सुरक्षित जोन में हैं और न ही खराब स्थिति में। हालांकि, दून की हवा की गुणवत्ता को काफी हद तक वाहनों की रेलमपेल और जगह-जगह चल रहे निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल-मिट्टी खासी प्रभावित करती है।

हमारी हवा की गुणवत्ता खराब स्थिति में न जाने पाए, इसके लिए नागरिकों की भागीदारी भी बेहद आवश्यक है। खासकर दीपावली के दौरान हमारी हवा की गुणवत्ता खराब से लेकर बेहद खराब स्थिति तक चली जाती है।

दून शहर एक घाटी के बीच में है, लिहाजा वायु प्रदूषण को बाहर निकलने में लंबा समय लग जाता है। दीपावली नजदीक है और इस दौरान हवा की गुणवत्ता पर पड़ने वाले असर पर बारीकी से नजर रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रविवार से 24 घंटे थर्ड पार्टी मानिटरिंग करेगा। इस तरह दीपावली से पहले 13 अक्टूबर और दीपावली के बाद 27 अक्टूबर तक हवा की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के मुताबिक दीपावली के मद्देनजर दून में घंटाघर व नेहरू कालोनी, जबकि ऋषिकेश में नगर निगम कार्यालय और टिहरी में एक स्थल पर हवा की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी। टिहरी में पहली बार दीपावली से पूर्व हवा की गुणवत्ता की जांच की व्यवस्था की जा रही है।

निगरानी में देखा जाएगा कि दीपावली से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) क्या था और दीपावली के दौरान इसमें कितनी बढ़ोत्तरी हुई। वहीं, दीपावली के बाद कि निगरानी से यह पता चलेगा कि हवा की गुणवत्ता को सामान्य स्थिति में पहुंचने में कितना समय लगा।

बेहद खराब से खराब स्थिति में आए, इस बार के आंकड़े होंगे अहम

वर्ष 2021 की दीपावली की बात करे तो एक्यूआइ बेहद खराब स्थिति में 300 पर पहुंच गया था। इससे पहले वर्ष 2020 की दीपावली की बात करे, तब भी एक्यूआइ 300 पर था। पिछली दो दीपावली के बाद दून के नागरिकों ने कुछ संयम दिखाया और फटाखे जलाने में हाथ रोक कर रखे। जिस कारण वर्ष 2022 की दीपावली में एक्यूआइ मध्यम श्रेणी में 300 से कम रहा।

हालांकि, वर्ष 2023 में इसमें कुछ बढ़ोतरी हुई और 2024 में फिर कमी पाई गई। यदि दून ने इसी तरह हवा की गुणवत्ता के प्रति संवेदनशीलता दिखाई तो वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जा सकता है। बुजुर्गों, बच्चों और श्वास के रोगियों का ध्यान रखते हुए यह जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है।

पिछली कुछ दीपावली में वायु प्रदूषण की स्थिति (एक्यूआइ में)

  • वर्ष, घंटाघर, नेहरू कालोनी, ऋषिकेश
  • 2024, 288, 243, 173
  • 2023, 333, 349, 196
  • 2022, 252, 242, 236
  • 2021, 248, 306, 257
  • 2020, 317 (एक ही स्थल), 198

एक्यूआइ के मुताबिक हवा का हाल

  • शून्य से 50, अच्छा
  • 51 से 100, संतोषजनक
  • 101 से 200, मध्यम
  • 201 से 300, बुरी
  • 301 से 400 बहुत बुरी
  • 401 व अधिक, अति गंभीर

ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े भी होंगे दर्ज

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के अनुसार दीपावली से पूर्व और उसके बाद ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े भी दर्ज किए जाएंगे। क्योंकि, बेहतर पर्यावरण के लिए ध्वनि प्रदूषण की स्थिति पर भी नियंत्रण आवश्यक है।

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