
बाघों की बढ़ती संख्या के कारण तेंदुओं को जंगल से बाहर आबादी की ओर भागने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ गया है और तेंदुए अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
जंगलों में बढ़ते बाघ तेंदुओं को जंगल से बाहर खदेड़ रहे हैं। वहीं आबादी में तेंदुए की आमद से मानव-वन्य जीव संघर्ष बढ़ रहा है। ऐसे में जंगल और आबादी क्षेत्र के बीच तेंदुए इंसानों और बाघों की नजरों से बचकर अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
तेंदुओं की इस दशा को लेकर वन विभाग और वन्य जीव विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ ही उससे सटे तराई पश्चिमी वन प्रभाग में भी 57 बाघों की मौजूदगी है।
तराई के जंगलों में तेजी से बढ़ती बाघों की संख्या तेंदुओं के लिए खतरा है। बाघ अब तेंदुओं के घर यानी जंगल के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच गए हैं। ऐसे में बाघ जंगल से खदेड़कर तेंदुओं को आबादी की ओर भेज रहे हैं। इस कारण तेंदुए आबादी वाले क्षेत्रों में कुत्ते व बिल्ली का शिकार कर रहने को मजबूर हैं।
इनकी बात-
- मेरा घर पीरूमदारा के पास देवीपुर में है। पिछले सप्ताह देर रात घर के बाहर से तेंदुआ कुत्ते को उठा ले गया। सूचना वन विभाग को देकर तेंदुए को पकड़ने की मांग की है। – सुनील गोसाई, देवीपुरा
- बीते कई महीने से टांडा में तेंदुए का आतंक हैं। कुछ दिन पूर्व बसई स्थित मेरे घर से तेंदुआ कुत्ते को उठा ले गया। – देवानंद जोशी, बसई, पीरूमदारा
आबादी में आए दिन दिख रहे तेंदुए
तराई पश्चिमी वन प्रभाग की आमपोखरा रेंज स्थित देवीपुरा, बसई समेत अन्य स्थानों में आए दिन तेंदुए दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही तेंदुए पालतू कुत्तों व बिल्लियों का शिकार कर रहे हैं। ग्रामीणों की मांग पर तेंदुओं पर नजर रखने के लिए आबादी के कई स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
