
उत्तराखंड में आपदा की दोहरी मार पड़ी है। उत्तरकाशी के बाद अब पौड़ी जिले के थलीसैण विकास खंड के ग्राम सारसों चौथान में बादल फटने की घटना हुई है। सड़क किनारे नेपाली मजदूरों के टेंट पर बादल फटने से 3-4 मजदूर मलबे में दब गए जिन्हें ग्रामीणों ने बचा लिया। कुछ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
जनपद पौड़ी में बुधवार को आसमान की बारिश आफत बनकर टूट पड़ी। जिले के थलीसैंण ब्लाक स्थित बांकुडा गांव में नेपाली मूल के मजदूरो सहित पांच लोग बारिश बारिश के चलते मलबा आने से लापता हैं। जबकि छह घायलों काे रेस्क्यू किया गया। जिनका उपचार चल रहा है।
दूसरी ओर विकास खंड पाबौ के बुरांसी गांव में किचन के पीछे से भारी मलबा आने के चलते दीवार ढहने से दो सगी बहनों की मौत हो गई है। जबकि एक ग्रामीण की गोशाला मलबे में बह गई है। एक का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है।
जिसमें रह रहे ग्रामीण बाल-बाल बचे हैं। बुरांशी गांव में आपदा से 25 परिवार प्रभावित बताए जा रहे हैं। वहीं बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलगड़ी पुल बह गया है। जिससे पौड़ी व पाबौ क्षेत्र का थलीसैंण, तिरपालीसैंण व पैठाणी क्षेत्र से संपर्क पूरी तरह कट गया है।
इसके अलावा जिले में जगह-जगह मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बुधवार को जनपद पौड़ी में बीती रात से हो रही भारी बारिश सुबह आफत बनकर टूटी। उत्तरकाशी जनपद के बाद पौड़ी में बारिश के चलते गाढ़-गदेरे, नदियां उफान पर आई।
उस उफान में जो भी उसके आगे आया। वह उसमें समाता चला गया। आपदा की घटनाओं पर डीएम पौड़ी स्वाति एस भदौरिया पूरी टीम के साथ सक्रीय नजर आई। वह सुबह से ही आपदा कंट्रोल रुम से निगरानी बनाए हुए थी।
दोपहर में वह आपदा प्रभावित से मिलने भी पहुंची।
जनपद पौड़ी के विकास खंड थलीसैंण में बांकुड़ा गांव में गदेरे किनारे टेंट में नेपाली मूल के कई परिवार रह रहे थे। जहां अचानक गदेरे में मलबा आने से बड़ी संख्या में नेपाली मूल के परिवार प्रभावित हो गए। एसडीएम थलीसैंण श्रेष्ठ गुनसोला ने बताया कि बांकुड़ा गांव में ब्रिडकुल में काम कर रहे मजदूर टेंट बनाकर रह रहे थे जहां बुधवार सुबह गदेरे में अचानक मलबा व भारी पानी आने से पांच लापता हो गए हैं।
जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है। जबकि छह घायलों का रेक्यू कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी घायलों का उपचार चल रहा है। विकास खंड पाबौ के बुरांशी गांव निवासी वीरेंद्र खंकरियाल ने बताया कि गांव की आशा देवी व विमला देवी दोनों सगी बहनें हैं।
बुधवार को गोशाला से आने के बाद दोनों बहनें आशा देवी के किचन में चाय पी रही थी। लेकिन सुबह करीब सात बजे भारी बारिश के चलते उनके किचन के पीछे से भारी मलबा आ गया। जिससे उनके किचन की दीवार ढह गई। जिसके चलते दोनों बहनें मलबे में दब गई बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका।
दोपहर करीब एक बजे दोनों बहनें के शव मलबे से निकाले गए। खंकरियाल ने बताया कि आपदा स्थिति के चलते प्रशासन की टीम मौके पर रेस्क्यू के लिए नहीं पहुंच पाई। उन्होंने बताया कि गांव के ग्रामीण जसवंत सिंह का मकान आपदा में पूरी तरह क्षितग्रस्त हो गया है।
परिवार ने किसी तरह जान बचाई है। ग्रामीण अमर सिंह की गोशाला आपदा में बह गई है। जिसमें दो गाय, दो बैल, एक बछड़ा व चार बकरियां बह गई हैं। आपदा के चलते कलगड़ी गाड़ उफान पर आने से कलगड़ी पुल बह गया है। जिससे पाैड़ी व पाबौ क्षेत्र का थलीसैंण, पैठाणी व तिरपालीसैंण क्षेत्र से संपर्क कट गया है।