
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत अबतक 180 मेगावाट सोलर प्लांट किया जा चुका है स्थापित, अब दूसरे चरण के प्रस्ताव की तैयारी
देहरादून: उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के उत्पादन को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लोग सौर स्वरोजगार से जुड़ सके. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’ शुरू की. जिसके तहत तमाम लोगों को लाभान्वित किया गया है.
अब उत्तराखंड सरकार इस योजना के दूसरे चरण को शुरू करने जा रही है. जिसकी तैयारियां तेज हो गई है. खास बात ये है कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (MSSY) के दूसरे चरण के तहत कुछ नई चीजें देखने को मिलेगी. जिसमें मुख्य रूप से बैटरी एनर्जी स्टोरेज की सुविधा खास रहने वाली है.
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना कब हुई थी शुरू? गौर हो कि उत्तराखंड सरकार ने बेरोजगार युवाओं और कोरोना संक्रमण की वजह से रिवर्स पलायन कर चुके लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने को लेकर साल 2020 में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत लोगों को 20 से 25 किलोवाट क्षमता वाले सौर संयंत्र लगाने पर वित्तीय सहायता दी जा रही थी.

साथ ही सोलर प्लांट लगाने वाले लाभार्थी अगले 25 सालों तक उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) को बिजली भेज सकते थे. योजना के प्रारंभिक चरण में 10,000 युवाओं को 20-25 किलोवाट तक के सौर परियोजनाएं आवंटित की गई, लेकिन लोगों में इस योजना के प्रति रुझान कम होने के चलते साल 2023 में इस योजना में संशोधन किया गया.
संशोधन के तहत लाभार्थियों को 20 से 200 किलोवाट तक के सोलर प्लांट की व्यवस्था को शामिल किया गया. साथ ही इस योजना की समय सीमा को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया. ताकि, उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत जो 250 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जाने का लक्ष्य रखा था, उसको पूरा कर सके.

180 मेगावाट सोलर प्लांट किया जा चुका है स्थापित: वर्तमान समय तक 180 मेगावाट सोलर प्लांट स्थापित किया जा चुके हैं. ऐसे में अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 31 मार्च 2026 तक जिन लोगों को सोलर प्लांट आवंटित किए गए हैं, अगर वो सोलर प्लांट नहीं लगते हैं तो वेटिंग लिस्ट के लाभार्थियों को आवंटित कर दिया जाएगा.
ऐसे में ऊर्जा विभाग अब मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के दूसरे चरण के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है. संभावना जताई जा रही है कि इसी साल दिसंबर अंत तक विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार हो जाएगा. खास बात ये है कि इस बार बैटरी एनर्जी स्टोरेज की सुविधा पर फोकस किया जा रहा है. जो अपने आप में खास है.
“मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के पहले चरण के तहत 250 मेगावाट का लक्ष्य रखा गया था. योजना के तहत 250 मेगावाट का आवंटन भी किया जा चुका है. जिसमें से 180 मेगावाट का सोलर प्लांट लग चुका है, जबकि 20 मेगावाट सोलर प्लांट गतिशील है.
जबकि तमाम लाभार्थी ऐसे हैं, जिनको सोलर प्लांट आवंटित किया गया है, लेकिन वो काम नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में अगर आवंटित लोग काम नहीं कर पाते हैं तो फिर वेटिंग लिस्ट में शामिल लोगों को आवंटित किया जाएगा.“- आर मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख सचिव, ऊर्जा विभाग
प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के दूसरे चरण की कवायद चल रही है. जिसको लेकर कई दौर की बैठक भी की जा चुकी है.
इस योजना के कंसल्टेंट में सीईई डब्ल्यू (Council on Energy, Environment and Water), यूपीसीएल (UPCL), उरेडा (Uttarakhand Renewable Energy Development Agency) और विद्युत नियामक आयोग शामिल है. जिनके साथ बैठक की जा चुकी है.

बैटरी एनर्जी स्टोरेज की सुविधा पर फोकस: बैठकों में यह विचार निकल कर सामने आया है कि इस योजना के दूसरे चरण में बैटरी एनर्जी स्टोरेज को भी जोड़ना चाहिए. जिस पर काम किया जा रहा है.
ऐसे में दिसंबर महीने के अंत तक विभागीय स्तर पर इस योजना को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसके बाद मंत्रिमंडल के सामने इस प्रस्ताव को रखा जाएगा.









