
मां ने बड़े विश्वास से अपनी बेटी को बहन के पास पढ़ने भेजा था। सगे मौसा पर 10 वर्षीय बालिका के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो संबंधी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय में पेश किया।
जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़िता का पिता नाबालिग साली से गलत काम करने आरोप में पहले ही जेल में बंद है।
बदलते दौर में सेलाकुई की घटना एक बड़ा सबक है। पीड़िता की मां के साथ विश्वासघात का यह पहला मामला नहीं है। पीड़िता के पिता पर भी उसकी मां ने विश्वास किया था, तब उसने उनकी नाबालिग बहन के साथ गलत का किया था।
मां ने अपनी बच्ची को माहौल से दूर रखने के लिए उसे सेलाकुई भेजा। उन्हें यह नहीं पता था कि यहां बहन के पति के भेष में एक दरिंदा बैठा है। दो बार भरोसा टूटने से पीड़िता की मां पूरी तरह टूट चुकी है।
पीड़िता जौनसार बावर क्षेत्र की रहने वाली है। पीड़िता के पिता अपनी नाबालिग साली से दुष्कर्म के आरोप में पहले से जेल में बंद हैं। उसके बाद पूरा परिवार ही बिखर गया।
पीड़िता का एक भाई गांव में है और दूसरा भाई प्रेमनगर क्षेत्र में कहीं ढाबे पर नौकरी कर रहा है। पीड़िता की मां मायके में रह रही है। वह अपनी फूल सी मासूम बच्ची को हर बुराई से बचाकर उसे एक उज्ज्वल भविष्य देना चाहती थी।
एक वर्ष पहले पढ़ने के लिए था भेजा
पीड़िता की बहन का विवाह उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के एक गांव में हुआ था। उसके पति की सेलाकुई में एक दुकान है। वह यहीं किराये पर रहे रहे हैं। मां ने बहन और जीजा पर भरोसा कर करीब एक वर्ष पहले उसे पढ़ने के लिए सेलाकुई भेज दिया था।
बेटी भी शहर में इस उम्मीद के साथ आई थी कि खूब पढ़कर काबिल बनने की उसकी उम्मीद को पंख लगेंगे, लेकिन उसके मौसा के रूप में रिश्तों को तार-तार करने वाले दरिंदे ने उसके नन्हे पंख कतर दिए।









