
जीआईसी जयहरीखाल को विकसित करने की योजना चार वर्षों से अधर में है। दो सीएम इसी स्कूल से पढ़ें है। जयहरीखाल आवासीय विद्यालय नेत्रहाट की तर्ज पर बनना था लेकिन बजट के अभाव में तीन साल से योजना लटकी है।
झारखंड के नेत्रहाट की तर्ज पर जीआईसी जयहरीखाल को आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना चार वर्षों से अधर में लटकी है।
क्षेत्रवासी आवासीय विद्यालय निर्माण की मांग लगातार करते आ रहे हैं। जबकि दो मुख्यमंत्री इस पाठशाला में पढ़ चुके हैं। फिर भी सरकार इसे संवार नहीं पा रही है।
ग्राम प्रधान जयहरी प्रगति असवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य शशि बिष्ट, ताजबर सिंह, प्रेमलाल, मनमोहन सिंह, मीना देवी, श्याम सिंह, दिवाकर सिंह, जगदंबा प्रसाद का कहना है कि जीआईसी जयहरीखाल को नेत्रहाट की तर्ज पर आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जाता तो यह पूरे गढ़वाल के मेधावी विद्यार्थियों के लिए एक मॉडल शैक्षणिक केंद्र बन सकता था।
शिक्षा विभाग ने विद्यालय को आधुनिक आवासीय मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों ने शासन से मांग की है कि इस प्रस्ताव को पुनः प्राथमिकता में लिया जाए, ताकि ऐतिहासिक विद्यालय को उसकी खोई हुई पहचान और गौरव वापस मिल सके।
2018 में हुई थी विद्यालय को विकसित करने की घोषणा
वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विद्यालय को आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। 60 फीसदी धनराशि हंस फाउंडेशन व 40 फीसदी धनराशि राज्य सरकार की ओर से देनी थी।
हंस फाउंडेशन ने तो भवन के डी ब्लॉक की छत की टिन बदलने के साथ ही दीवार, फर्श, खिड़की, दरवाजों की मरम्मत कराई, लेकिन राज्य सरकार से बजट नहीं मिलने पर वर्ष 2022 में निर्माण कार्य रोक दिया गया। तब से योजना अधर में लटकी है।
ये है गौरवशाली इतिहास
वर्ष 1922 में दान में मिली 700 नाली भूमि पर जीआईसी जयहरीखाल स्थापित हुआ था। यह भूमि उस दौर में गांव की सबसे बड़ी सामूहिक शैक्षणिक भेंट मानी गई। एक समय जयहरीखाल शिक्षा का हब हुआ करता था। पौड़ी जनपद के दूरदूराज के गांवों से छात्र यहां पढ़ने आते थे।
यहां के विद्यार्थी राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, सैन्य अधिकारी, शिक्षक, वैज्ञानिक बन चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत एवं तीरथ सिंह रावत के अलावा आईएएस टॉपर अनुराग श्रीवास्तव इस विद्यालय के छात्र रह चुके हैं।
विद्यालय के डी ब्लॉक की मरम्मत हो चुकी है। सी ब्लॉक की मरम्मत के लिए प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। विद्यालय को आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित की योजना प्रस्तावित है। शासन स्तर से निर्णय लिया जाना है। -अमित कुमार चंद, बीईओ जयहरीखाल।









