
देहरादून के दून अस्पताल में एक दंपती को अपने ढाई महीने के बच्चे को टीका लगवाने में स्टाफ के असहयोग के कारण परेशानी हुई। देरी होने पर पूछने पर उन्हें बाहर से टीका लगवाने के लिए कहा गया,
जिसके बाद उन्होंने इमरजेंसी में शिकायत दर्ज कराई। अस्पताल प्रशासन ने मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
देहरादून। राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में जब एक दंपती अपने ढाई महीने के मासूम को लेकर अस्पताल के इंजेक्शन कक्ष पहुंचा तो आरोप है कि यहां पर उन्हें देरी तक खड़ा कराया गया।
जब उन्होंने देरी का कारण पूछा तो स्टाफ ने यह कहकर उन्हें बाहर भेज दिया कि वह बाहर से टीका लगा सकते हैं। इसके बाद दंपती ने यहां काफी नाराजगी जताई।
शनिवार दोपहर के वक्त एमडीडीए आइएसबीटी निवासी अभिषेक पाल अपने ढ़ाई महीने के बच्चे पर टीका लगाने के लिए अस्पताल के इजेक्शन कक्ष पहुंचे। अभिषेक ने बताया कि पहले तो बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट मांगा। इसके बाद उन्हें देर तक खड़े रखा।
जबकि उनके पीछे आने वालों के बच्चों का टीका लगाया गया। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और अस्पताल प्रशासन से कार्रवाई के लिए स्टाफ नर्स से नाम पूछा। तो स्टाफ इस पर चिढ गया। वहां से जवाब मिला कि वह बाहर से टीका लगवा सकते हैं।
इसके बाद अभिषेक सीधा इमरजेंसी पहुंचा। यहां कर्मचारियों के प्रति भी नाराजगी जताई। इसके बाद सुरक्षा कर्मचारी और इमजरजेंसी में कर्मचारी अभिषेक को दोबारा इंजेक्शन कक्ष लेकर गए जब जाकर बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया। अभिषेक ने बताया कि बच्चा पिछले दो घंटे से भूखा था।
वहीं इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट ने बताया कि यह मामला एनएचएम से जुड़ा हुआ है। हालांकि वह इस मामले का संज्ञान लेंगे। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लोगों के साथ शालीनता के साथ पेश आएं और समस्या का समाधान करें।









