
देहरादून जू में जल्द ही सफेद बाघ आने वाला है। जू बोर्ड की बैठक में दो महीने के भीतर सफेद बाघ को लाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए ओडिशा के नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क से समझौता किया जा रहा है। जू में मल्टीलेवल पार्किंग और नई टिकटिंग प्रणाली भी शुरू की जाएगी। सफेद बाघ के आने से पर्यटकों का रोमांच और बढ़ेगा।
- देहरादून जू में आएगा सफेद बाघ
- दो माह में पूरी होगी प्रक्रिया
- सैलानियों का रोमांच बढ़ेगा
देहरादून। देहरादून जू (मालसी डियर पार्क) में जल्द ही सफेद बाघ दर्शकों के लिए उपलब्ध होगा। जू बोर्ड की बैठक में मालसी स्थित परिसर में हुई समीक्षा में यह निर्णय लिया गया कि अगले दो माह के भीतर सफेद बाघ को लाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस प्रस्ताव ने जू प्रेमियों और वन्यजीव संरक्षण प्रेमियों में उत्साह भर दिया है।
प्रमुख वन सचिव आरके सुधांशु की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने सफेद बाघ की सुरक्षा, स्वास्थ्य, आवास और अन्य देखभाल संबंधी उपायों पर विशेष विचार विमर्श भी किया गया।
साथ ही तय किया गया कि जू परिसर की सुविधाओं को और अधिक आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जाए। इसके लिए मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था, नए शौचालयों का निर्माण, भुगतान एवं टिकटिंग के लिए क्योआर कोड आधारित प्रणाली, आगंतुक फीडबैक प्रणाली, आटोमेटेड पार्किंग व्यवस्था,
स्मारिका (सुविनियर) दुकान की स्थापना और अन्य संरचनात्मक एवं सौंदर्य संवर्धन कार्य पर भी सहमति बनाई गई। बैठक में मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, वन संरक्षक राजीव धीमान, निदेशक नीरज शर्मा, डा प्रशांत मिश्रा, जू इंचार्ज विनोद लिंगवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सफेद बाघ के लिए यह प्रयास, चुनौती भी कम नहीं
उत्तराखंड सरकार ने नंदनकानन जूलाजिकल पार्क (ओडिशा) से सफेद बाघ प्राप्त करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत चार तेंदुआ प्राणियों का आदान-प्रदान प्रस्तावित है। इस प्रस्ताव को केंद्रीय जू प्राधिकरण की स्वीकृति भी दरकार है।
सफेद बाघ की प्रस्तुति न केवल जू की शोभा बढ़ाएगी, बल्कि दर्शकों को अनूठे अनुभव का अवसर देगी। हालांकि, इसके लिए उपयुक्त झुंड आकार, स्वास्थ्य आयोजनों, पर्यावरण अनुकूल आवास और देखभाल व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाना होगा।
इसलिए खास है देहरादून जू, सफेद बाघ से और बढ़ेगी अहमियत
देहरादून जू, जिसे मालसी डियर पार्क के नाम से भी जाना जाता है। इसे वर्ष 1976 में स्थापित किया गया था और यह लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यह पार्क शहर के प्रमुख वन्यजीव-पर्यटन स्थलों में से एक है।
इसमें हिरण, नीलगाय, सांभर, मगरमच्छ, विविध पक्षी प्रजातियाँ और सांप भी शामिल हैं। जू में एक मछलीघर (एक्वेरियम) भी है, जिसमें कई दुर्लभ मछलियां प्रदर्शित होती हैं।
