Big Breaking:-बिना पेंशन योजना के वन निगम के साढ़े चार सौ कर्मचारी, 2014 के बाद से तैनात कर्मी जुड़ ही नहीं सके

2014 के बाद से वन विभाग में तैनात कर्मी पेंशन योजना से जुड़ ही नहीं सके। सितंबर-2014 के बाद वन निगम में नियुक्त कर्मचारियों को अधिवर्षता आयु पूरी होने के बाद पेंशन की स्वीकृति के लिए ईपीएफओ की जगह एनपीएस योजना को लागू करने का प्रस्ताव रखा गया।

वन निगम के साढ़े चार सौ कर्मचारी किसी भी पेंशन योजना से जुड़े नहीं हैं। यह स्थिति एक- दो महीने या साल से नहीं है बल्कि 2014 से है। इस संबंध में वन निगम प्रबंधन ने शासन को पत्र लिखा है। इसमें कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना से लाभान्वित करने के लिए दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया है।

उत्तराखंड वन विकास निगम प्रबंध मंडल की 77वीं बैठक हुई थी। इसमें सितंबर-2014 के बाद वन निगम में नियुक्त कर्मचारियों को अधिवर्षता आयु पूरी होने के बाद पेंशन की स्वीकृति के लिए ईपीएफओ की जगह एनपीएस योजना को लागू करने का प्रस्ताव रखा गया। फिर इसी बैठक में संबंधित प्रस्ताव को शासन में प्रस्तुत करने का भी निर्णय लिया गया।

इसके बाद से मामले में कोई प्रगति नहीं हो सकी है। हाल में वन निगम प्रबंधन ने एक पत्र शासन को लिखा है, इसमें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। साथ ही ईपीएफओ के अगस्त- 2014 के पत्र (इसमें उच्च वेतन पर अंशदान संबंधी प्रावधान हटा दिया गया) का भी हवाला दिया गया।

पत्र के बाद से वन निगम में 2014 के बाद से जो भी कर्मचारी तैनात हुआ है, उसको कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) का लाभ देना संभव नहीं रह गया।

इसके बाद से वन निगम स्केलर समेत अन्य पदों पर कर्मचारियों की भर्ती हुई पर वे किसी भी पेंशन योजना से नहीं जुड़े हैं। सितंबर-2014 के बाद से ऐसे कर्मचारियों की संख्या 450 है।

एनपीएस से शामिल करने के लिए मांगा दिशा- निर्देश

वन निगम प्रबंधन ने हाल में शासन को पत्र भेजा है जिसमें स्वायत्तशासी संस्था, निगम, राजकीय विभागों के बराबर वन विकास निगम में कार्यरत कर्मियों को एनपीएस-यूपीएस के अंतर्गत कवर किए जाने का दिशा-निर्देश प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। वन निगम प्रबंध निदेशक नीना ग्रेवाल ने पत्र भेजने की पुष्टि की है।

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