मस्जिदों मदरसा एवं मजारों को निशाना बनाया जा रहा है वो अत्यंत निंदनीय एवं दुखदाई है, शहर काज़ी

आज जामा मस्जिद, पल्टन बाजार में मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा प्रैस कांफ्रेंस का आयोजन शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी की अध्यक्षता में किया गया।

प्रेस के अपने संबोधन में शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड में मदरसों, मस्जिदों एवं मजारों को निशाना बनाया जा रहा है वो अत्यंत निंदनीय एवं दुखदाई है, जिसका ताजा उदाहरण दून अस्पताल की दरगाह को ध्वस्त किया जाना है,

इस अवसर पर मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि जैसा कि आप प्रैस बंधुओं को विदित है कि उत्तराखंड प्रशाशन द्वारा अपने तथाकथित आकाओं को खुश करने के लिए प्राचीन दरगाह जो कि दून चिकित्सालय में स्थित थी एवं जिसका विधिवत रजिस्ट्रेशन वक्फ बोर्ड में था को बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया गया।

इस प्रकार की असंवैधानिक कार्यवाही का मुस्लिम सेवा संगठन पुरजोर विरोध करता है तथा इसकी लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक तथा न्यायालय में लड़ी जाएगी।

उत्तराखंड सरकार तीन (एम) से भरी हुई है (मस्जिद मदरसा और मजार) रात को सपने में भी ये तीन (एम) शायद सरकार को सोने नहीं देते मुस्लिम सेवा संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने कहाँ सरकार प्रशासन के माध्यम से तीनों (एम) के विरुद्ध षड्यंत्रपूर्व कार्यवाही करने पर लगा हुआ है।

ये तीन एम हैं मस्जिद, मदरसा और मजार। जिस प्रकार पूर्व में मस्जिदों, मदरसों, और मजारों पर असंवैधानिक कार्यवाही हुई ये किसी से छिपा नहीं है।

और हाल ही में बलपूर्वक, छलपूर्वक, दरगाह दून हॉस्पिटल को गिराया गया जबकि दरगाह वक्फ बोर्ड में है तथा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही से पूर्व वक्फ बोर्ड को भी नहीं बताया गया ये अपने आप में अभूतपूर्व मामला है।

प्रशासन ने ये कार्यवाही जब की है जबकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी वक्फ संपत्ति पर कार्यवाही ना करने की स्पष्ट निर्देश दिए हुए है।

मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा महफूज अहमद ओ मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार एवं अन्य रिट माननीय उच्च न्यायालय में दायर की थी जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के उच्च अधिकारियो को अवमानना नोटिस जारी किये हैं ।

और 15 मई अगली तारीख निर्धारित की हैं मुस्लिम सेवा संगठन के महासचिव सद्दाम कुरैशी ने कहाँ हम स्पष्ट कर देना चाहते है कि मुस्लिम आज किसी प्रकार की दमनात्मक कार्यवाही से झुकने या डरने वाला नहीं है।

सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से दून दरगाह का ध्वस्तीकरण निंदनीय ही नहीं अपितु अपराधिक कृत्य है।

इस कृत्य के विरोध में मुस्लिम सेवा संगठन पुरजोर विरोध करता है, और करता रहेगा।

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