
रिश्वत लेने के आरोप में दारोगा देवेश खुगशाल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। विजिलेंस विभाग उनकी पूरी कुंडली खंगालेगा, जिसमें उनकी संपत्ति और आय के स्रोतों की गहन जांच की जाएगी।
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य भ्रष्ट अधिकारियों को सजा दिलाना है।
देहरादून। रिश्वत लेते हुए विजिलेंस के हाथों गिरफ्तार उत्तराखंड पुलिस के दारोगा देवेश खुगशाल की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। सतर्कता सचिव शैलेस बगोली के निर्देश के बाद अब विजिलेंस पूरी कुंडली खंगालेगी।
सचिव ने दारोगा सहित तीन अधिकारियों के विरुद्ध आय से अधिक संपति मामले में मुकदमे में मंजूरी दी है। विजिलेंस अब आरोपित के चल अचल संपति की पूरी जांच करेगी, जिसमें पता चलेगा कि दारोगा ने विभिन्न चौकियों में तैनात रहते हुए कितना धन अर्जित किया।
विजिलेंस ने देवेश खुगशाल को इसी साल मई माह में एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। जब उसके घर की तलाशी ली गई तो घर से शराब की पेटियां भी बरामद हुई थी, जिसके बाद विजिलेंस ने एक और मुकदमा दर्ज कराया था।
पटेलनगर कोतवाली की आइएसबीटी चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को विजिलेंस ने 14 मई को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। खुगशाल भूमि विवाद के एक मुकदमे में आरोपितों के नाम हटाने के लिए रिश्वत ले रहा था।
शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को बताया कि जावेद नाम के व्यक्ति ने पिछले दिनों बंजारावाला स्थित जमीन संबंधित विवाद में एक प्रार्थनापत्र दिया था। जिसमें उसके दोस्त व अन्य तीन लोगों के नाम हैं। इसकी जांच चौकी प्रभारी एसआई देवेश खुगशाल कर रहे थे।
आरोप है कि देवेश खुगशाल ने शिकायतकर्ता को डर दिखाया कि वह उसके दोस्तों को गैंगस्टर एक्ट में जेल में बंद करा देगा। ऐसे में उसके दोस्तों के नाम इस प्रार्थनापत्र से हटाने के लिए देवेश खुगशाल ने पांच लाख रुपये मांगे।
उसने पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपये लेकर अपने पास बुलाया था। इसकी शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने एक ट्रैप टीम बना दी। जैसे ही शिकायतकर्ता ने यह रकम खुगशाल को थमाई, टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।









