Big Breaking:-कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोनप्रयाग पहुंच कर अधिकारियों से घोड़ों-खच्चरों में फैले इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की रोकथाम हेतु किए जा रहे इंतजाम की ली जानकारी

रूद्रप्रयाग

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोनप्रयाग पहुंच कर पशु प्रबंधन व्यवस्थाओं एवं यात्रा व्यवस्थाओं का किया धरातलीय निरीक्षण

मंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से घोड़ों-खच्चरों में फैले इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की रोकथाम हेतु किए जा रहे इंतजाम की ली जानकारी

सरकार की ओर से 32 हजार रुपये का दिया जाएगा मुआवजा ,प्रत्येक केंद्र पर एक एमआरपी के अंतर्गत 15 सदस्यीय टीम रहेगी तैनात ,अब तक 16,000 घोड़े-खच्चरों की हो चुकी स्क्रीनिंग

सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम को इस संबंध में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तत्काल जारी करने के दिए निर्देश

मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सभी घोड़ा-खच्चर संचालकों से किया अनुरोध—झोलाछाप और नीम हकीम से रहें सावधान, विभागीय डॉक्टरों से ही कराएं इलाज

उत्तराखंड सरकार में पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री तथा रुद्रप्रयाग जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बृहस्पतिवार को सोनप्रयाग पहुंचकर चारधाम यात्रा से जुड़ी पशु प्रबंधन व्यवस्थाओं एवं यात्रियों की सुविधाओं का धरातलीय निरीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में फैले इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की रोकथाम और घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य प्रबंधन की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की।


पशुपालन मंत्री बहुगुणा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से वायरस की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी ली।

उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर तैनात सभी घोड़े-खच्चरों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए और संक्रमण के किसी भी संकेत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाए।


इस महत्वपूर्ण बैठक में
केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, भारत सरकार के एनिमल हसबैंड्री कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा, सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, पशुपालन निदेशक डॉ. नीरज सिंघल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री बहुगुणा ने विशेषज्ञों से बीमारी की रोकथाम के उपायों पर सुझाव लेकर उन्हें अमल में लाने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान मंत्री बहुगुणा ने यात्री शेड, फुटपाथ, शौचालय, पेयजल व्यवस्था और घोड़े-खच्चरों के लिए की गई व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।

उन्होंने तीर्थयात्रियों, व्यापारियों और खच्चर मालिकों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और यात्रा को और अधिक सुगम एवं सुरक्षित बनाने हेतु सुझाव आमंत्रित किए।

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