
देहरादून में देर रात बादल फटने से भारी तबाही मची है। आपदा में दस लोगों की मौत हो गई है। नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है और लोग भयभीत हैं।
बादल फटे, नदियों ने विकराल रूप लिया और देहरादून दहल उठा। इतनी तेज़ बारिश कि लोग कुछ समझ ही नहीं पाए। चारों ओर पानी ही पानी, सड़कें बह गईं, घरों में कीचड़ भर गया, और कई ज़िंदगियां पल भर में थम गईं।
हालत इतनी बेकाबू हो गई कि लोग जान बचाने के लिए बिजली के खंभों पर चढ़ गए। जमीन पर पानी ही पानी देख हर कोई सहम गया।

देहरादून के प्रेमनगर, ठाकुरपुर, सहस्त्रधारा, मालदेवता जैसे इलाकों में बादल फटने के बाद ऐसा खौफनाक मंजर सामने आया, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।

आपदा में 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू कर कई जिंदगियों को मौत के मुंह से बाहर निकाला।
बादल फटने से आई बाढ़ में लोग इतने डर गए कि जान बचाने के लिए बिजली के खंभों पर चढ़ गए। कोई छत पर था, कोई पेड़ पर, और कोई खंभे पर लटक गया। ताकि पानी का बहाव उन्हें साथ न ले जाए।

देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र के परवल में आसन नदी उफान पर आ गई और उसके रौद्र रूप में दर्जनों घर जलमग्न हो गए। प्रेमनगर क्षेत्र के परवल में एक ट्रैक्टर में सवार 14-15 मजदूर बह गए, जिनमें से अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बाकी की तलाश जारी है। सहस्त्रधारा और नया गांव से भी शव बरामद किए गए, जिससे कुल मृतकों की संख्या 10 हो चुकी है।

ठाकुरपुर इलाके में हालात इतने भयावह हो गए कि लोग जान बचाने के लिए बिजली के खंभों और ऊंची जगहों पर चढ़ गए। पानी के तेज़ बहाव ने कुछ ही देर में सड़कें, गाड़ियां, और घर सब निगल लिए। कई घरों में कीचड़ भर गया, पुल टूट गए और संपर्क मार्ग कट गए।

एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसी दौरान, देहरादून-हरिद्वार हाईवे, मसूरी-देहरादून मार्ग, और जखन नदी का पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और बताया कि केंद्र सरकार पूरी तरह राज्य के साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर आपदा की जानकारी ली और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा न करें, झुग्गियों में रह रहे लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और किसी भी आपदा की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
