
जयश अपने पांच दोस्तों के साथ नैनीताल घूमने गया। मंगलवार को ट्रेकिंग के दौरान वह ईयरफोन लगाकर गाना सुनते हुए दोस्तों से बिछड़ गया और जंगल में भटक गया।
पुलिस और बचाव दल की कोशिशें विफल रहीं। 17 घंटे बाद बुधवार की सुबह वह सकुशल मिल गया।
दोस्तों के संग मौज मस्ती के बाद जंगल से वापसी हुई तो पता चला कि जयश तो साथ में है ही नहीं। रुद्रपुर से साथ पहुंचे दोस्तों के सामने अब एक अपयश था क्योंकि उनका दोस्त जयश जंगल में पता नहीं कहां चला गया था।
पुलिस और रेस्क्यू टीम को लगातार कोशिश के बाद कोई राह नहीं सूझ रही थी। मंगलवार की शाम ढली तो सभी के दिल बैठ गए। खतरनाक जंगल की भयंकर आशंकाओं ने सबको घेर लिया।
बुधवार सुबह सूरज की पहली किरण परिजनों के साथ ही जयश के जीवन का सबसे खुशनुमा उजाला था जब 17 घंटे के बाद वह जंगल में कराहता हुआ सकुशल मिल गया। रुद्रपुर आवास-विकास निवासी 12वीं का छात्र जयश कार्की अपने पांच दोस्तों के साथ मंगलवार को नैनीताल घूमने पहुंचा था।
शाम चार बजे सभी ट्रेकिंग के लिए चीनापीक व कैमल्स बैंक की पहाड़ी पर चले गए। चार दोस्त कैमल्स बैंक और जयश अपने साथी सागर के साथ चीना पीक चला गया। देर शाम कैमल्स बैंक से चार साथी रुद्रपुर पहुंच गए।
वापसी में जयश ईयरफोन लगा गाने सुनते हुए दोस्तों से बिछड़ गलत रास्ते पर निकल गया। सागर भी रास्ता भटक गया। शाम करीब छह बजे सागर किसी तरह पॉलिटेक्निक कॉलेज पहुंच गया।
मोबाइल पर रास्ता भटकने की बात कही
सागर के साथ आखिरी बार कॉल पर बात हुई तो घबराए जयश ने रास्ता भटकने की बात कही। इस पर सागर ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस, एसडीआरएफ,
वन विभाग व दमकल की लगभग 50 लोगों को टीम छात्र की खोजबीन पर निकल गई। पॉलिटेक्निक कॉलेज के 10 से ज्यादा छात्रों व स्थानीय लोगों ने भी पुलिस के साथ चीना पीक का जंगल छान मारा लेकिन छात्र का पता नहीं चल पाया।
चीना पीक से वापसी के दौरान छात्र रास्ता भटक गया था। पुलिस, एसडीआरएफ और दमकल की टीमों ने वन विभाग की टीम के साथ जंगल में सर्च किया। लगभग 17 घंटे के सर्च अभियान के बाद छात्र घायल अवस्था में मिला है। प्राथमिक उपचार के बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया है। – डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी क्राइम
प्यास बुझाने के दौरान नीचे उतरने पर लगी चोट
बुधवार सुबह टीमों ने फिर से चीना पीक, कैमल्स बैंक, गैरी खेत क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। लगभग 17 घंटे अभियान चलाने के बाद टीम को सुबह 11 बजे चीना पीक के समीप वन देवी के मंदिर के पास जयश घायल अवस्था में पड़ा मिला। टीम को देख छात्र की जान में जान आई।
लंबे अभियान के बाद सफलता मिलने पर टीम के चेहरे पर भी सुकून नजर आया। पुलिस ने छात्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह रास्ता भटक गया था। गला सूखने के चलते वह पानी पीने जंगल में नीचे उतरा और इस दौरान वह गिर गया। इससे उसके पैर में चोट लग गई। इसके बाद वह डर गया था और हल्की बेहोशी छा गई।
सुबह होने पर जब आंख खुली तो लोगों की आवाज सुनाई दी। आखिरकार खोजते हुए टीम जयश तक पहुंच गई। इसके बाद टीम उसे जंगल से सकुशल अस्पताल लेकर पहुंची। प्राथमिक इलाज के बाद किशोर को बीडी पांडे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
सूचना पर रुद्रपुर से पिता सुरेंद्र कार्की और चाचा भी नैनीताल पहुंच गए। एक दिन बाद लाडले को सकुशल पाकर परिजनों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। एक तरह से नया जीवन मिलने पर जयश के चेहरे पर ऐसे भाव थे जो उसे ताउम्र याद रहेंगे।









