
इस बार हाथी की संख्या का आकलन मल (डीएनए) के आधार पर किया गया है, यह तरीका अधिक सटीक है और ऐसा पहली बार किया गया है।
भारतीय वन्यजीव संस्थान में 36वीं वार्षिक अनुसंधान संगोष्ठी के दौरान हाथी आकलन (डीएनए बेस्ड ऑफ इंडिया सिंक्रोनाइज्ड एलिफेंट एस्टीमेशन) रिपोर्ट जारी की गई है।
रिपोर्ट में देश में 22446 हाथी होने का आकलन लगाया गया है। सबसे अधिक 6013 हाथी कर्नाटक में हैं। उत्तर भारत में सर्वाधिक और देश में पांचवें नंबर पर सबसे अधिक 1792 गजराज उत्तराखंड में हैं।
इससे पहले हाथी आकलन रिपोर्ट-2017 में जारी की गई थी। इसमें 29,964 होने का आकलन किया गया था। संस्थान की वैज्ञानिक विष्णु प्रिया ने बताया कि इस बार हाथी की संख्या का आकलन मल (डीएनए) के आधार पर किया गया है,
यह तरीका अधिक सटीक है और ऐसा पहली बार किया गया है। पहले केवल ऑब्जर्वेशन के माध्यम से होता था। हाथी की आबादी के आकलन का काम 2022 और 2023 में किया गया। नार्थ ईस्ट में 2024 में कार्य किया गया है।
यह रिपोर्ट इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के महानिदेशक एसपी यादव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर जनरल रमेश पांडे, भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक गोबिंद भारद्वाज, आईसीएसएपी चेयरमैन डॉ.एरक भरूचा, डॉ.रुचि बडोला, डॉ.विष्णु प्रिया ने जारी की है।
21 राज्यों में किया गया आकलन
हाथी आबादी के आकलन का काम 21 राज्यों में किया गया है। इसके लिए 319460 डंग प्लाट बनाए गए थे। 21056 सैंपल को एकत्र किए गए। इस दौरान 666977 फुट सर्वे किया गया।
यहां सर्वाधिक हाथी
राज्य हाथी
कर्नाटक 6013
असम 4159
तमिलनाडु 3136
केरल 2785
उत्तराखंड 1792
