
विज्ञानियों ने किया एरियल सर्वे, नहीं पता चल सकी आपदा की वजह
उत्तरकाशी के धराली में आपदा के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने हवाई सर्वेक्षण किया लेकिन खीर गंगा के ऊपरी जलग्रही क्षेत्र में बादल छाए रहने के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई।
टीम ने मलबे और भौगोलिक संरचना का अध्ययन किया। शुक्रवार को पुन एरियल सर्वे किया जाएगा। विस्तार पूर्वक नीचे पढ़ें खबर।
उत्तरकाशी के धराली में आपदा के कारणों का पता लगाने के लिए पहुंची विज्ञानियों की पांच सदस्यीय टीम ने गुरुवार को एरियल सर्वे किया।
हालांकि, जिस खीर गंगा के अपर कैचमेंट (ऊपरी जलग्राही क्षेत्र) में हेलीकॉप्टर से सर्वे किया गया, वहां अत्यधिक बादल छाए थे। जिस कारण स्थिति साफ नहीं की जा सकी।
उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक डा शांतनु सरकार के अनुसार धराली के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मलबे की स्थिति और वहां की भौगोलिक संरचना आदि का अध्ययन किया गया है। इसके साथ ही आसपास के अन्य क्षेत्रों का आकलन भी किया गया।
गुरुवार को तय किया गया था कि हेलीकाप्टर से खीर गंगा के ऊपरी क्षेत्रों में नजर दौड़ाई जाएगी। ताकि जलप्रलय के कुछ निशान मिल सकें।
ऊपरी क्षेत्र में निरंतर बादल छाए रहने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। अब शुक्रवार को भी एरियल सर्वे के प्रयास किए जाएंगे।