
उत्तराखंड में चैंबर निर्माण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का विरोध जारी है। बार काउंसिल उत्तराखंड ने शनिवार को राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिसके चलते अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से दूर रहेंगे।
बार एसोसिएशन देहरादून ने आगे की रणनीति के लिए आपात बैठक बुलाई है। अधिवक्ताओं का कहना है कि नए न्यायालय भवनों में उनके चैंबर भी बनाए जाने चाहिए, जिसके लिए उन्होंने सरकार से मांग की है।
देहरादून। चैंबर निर्माण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। बार काउंसिल उत्तराखंड ने शनिवार को प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं के कार्य से विरत रहने के आह्वान किया है।
इस दौरान अधिवक्ता न्यायिक, रजिस्ट्रार, तहसील व क्लेक्ट्रेट सहित अन्य कोर्ट में काम नहीं करेंगे। शनिवार को बार एसोसिएशन देहरादून की ओर से आपात बैठक भी बुलाई है, जिसमें आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
अध्यक्ष बार काउंसिल उत्तराखंड राकेश गुप्ता ने बताया कि जिला बार एसोसिएशन देहरादून में हो रहे धरना प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए अधिवक्ताओं के कल्याणार्थ 12 नवंबर को बार काउंसिल आफ उत्तराखंड के सदन की वर्चुअल बैठक हुई।
जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रदेश में किसी भी स्थान पर राज्य सरकार की ओर से न्यायालय के भवन का निर्माण कराया जाता है तो उस परिसर में अधिवक्ताओं के चैंबर का निर्माण भी कराया जाए।
इस संबंध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय को ज्ञापन व प्रार्थनापत्र प्रेषित किया।
दूसरी ओर शुक्रवार को अधिवक्ताओं की ओर से चैंबर निर्माण की मांग को लेकर पांचवें दिन 3.5 घंटे हरिद्वार रोड पर धरना प्रदर्शन किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल व सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस दौरान बार के पूर्व अध्यक्ष प्रेम चंद शर्मा,
ओपी सकलानी, अनिल कुकरेती, बार काउंसिल के सदस्य सुरेंद्र पुंडीर, चंद्रशेखर तिवारी, एमएम लांबा, योगेंद्र तोमर व बदरीनाथ विधानसभा के विधायक लखपत बुटोला ने धरनास्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया।









