Big Breaking:-अनोखा लव ट्रायंगल, पहली पत्नी के लिए पति ने दूसरी से बोला झूठ; रची अपहरण की कहानी

रानीखेत में रहस्यमय तरीके से लापता हुए शिक्षिका के पति मनोज कुमार को दिल्ली में पाया गया। उसने अपनी दो पत्नियों के कारण उत्पन्न तनाव से बचने के लिए अपहरण और गुलदार के हमले का नाटक रचा था।

मनोज ने अपनी स्कूटी पन्याली जंगल में छोड़ दी और दोस्तों के साथ दिल्ली चला गया। पुलिस ने जांच के बाद उसे दक्षिण दिल्ली से ढूंढ निकाला और परिजनों को सौंप दिया। अब परिवार तय करेगा कि वह किस पत्नी को अपनाएगा।

रानीखेत: रहस्यमय तरीके से लापता शिक्षिका के जिस पति के अपहरण की आशंका में पुलिस खाक छान रही थी, वह दिल्ली में मिला। स्वजन व पत्नी से एक झूठ छिपाने को उसने यह ड्रामा रचा। उसकी दो पत्नियां हैं।

पहली पत्नी की जिम्मेदारी से परेशान होकर उसने शिक्षिका पत्नी से एक और झूठ बोल वह नैनीताल में साक्षात्कार का बहाना कर निकला था। शाम को पन्याली जंगल में सड़क से नीचे अपनी स्कूटी गिरा दी, जहां से अक्सर गुलदार गुजरता है।

फिर पूर्व नियोजित योजना के तहत अपने दोस्तों के साथ कार में बैठ दिल्ली चला गया। ताकि पुलिस व लोगों को लगे कि उसे गुलदार ने शिकार बना लिया। पुलिस के अनुसार वह दोनों पत्नियों को अपनाएगा या किसी एक को चुनेगा, यह फैसला स्वजन मिलकर करेंगे।

शहर के एक प्रतिष्ठित विद्यालय की शिक्षिका का पति मनोज कुमार बीती आठ दिसंबर को संदिग्ध हालात में लापता हो गया था। उसकी स्कूटी रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर पन्याली जंगल में मिली थी।

पुलिस व वन विभाग ने खाक छानी। पर ऐसा कोई साक्ष्य न मिला, जो गुलदार के हमले का संकेत देता। डाग स्क्वायड बुलाया गया। सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। मनोज स्कूटी से रानीखेत को जाता दिखा लेकिन आवास तक नहीं पहुंचा था।

नैनीताल गया ही नहीं, दोस्तों को भी मना लिया

नौ दिसंबर को गुमशुदगी दर्ज करने के बाद कोतवाल अशोक धनकड़ व एसएसआइ कमाल हसन की संयुक्त अगुआई में नैनीताल के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। जांच में पता लगा कि बैंक शाखाओं में कोई साक्षात्कार था ही नहीं।

पुलिस के अनुसार शिक्षिका का पति मनाेज नैनीताल गया ही नहीं था। बल्कि गुपचुप फरार होने को ड्रामा रचा। पहाड़ आए दोस्तों से उनके साथ दिल्ली चलने की बात कही। नैनीताल पहुंचने से पहले ही वापस रानीखेत की ओर लौट गया।

कैंची धाम में दोस्तों ने मनोज से दिल्ली चलने को कहा तो उसने स्कूटी कहीं पर रखने की बात कही। फिर पन्याली में स्कूटी को सड़क से नीचे गिरा दोस्तों के साथ दिल्ली चला गया। मोबाइल भी बंद कर दिया। यहां पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया।

कमरे बदलता रहा

इधर कप्तान देवेंद्र पींचा ने कोतवाल की अगुआई में विभिन्न टीम गठित की। सर्विलांस की मदद से कुछ सुराग हाथ लगने पर एसएसआइ कमाल हसन तेज तर्रार पुलिस कर्मियों को लेकर दिल्ली पहुंचे।

उधर मनोज बार बार कमरे बदल रहा था ताकि पुलिस या स्वजन से छिपा रहे। मगर दक्षिण दिल्ली के बिजवासन स्थित कमरे में मिल गया। टीम में एसओजी प्रभारी बीसी जोशी,

एसआइ बृजमोहन भट्ट, एएसआइ कैलाश चंद्र, हेड कांस्टेबल अवधेश कुमार, फिरोज खान, मनोज कोहली, एहसान अली आदि शामिल रहे।

वह झूठ जो उसे परेशान करने लगा

पुलिस सूत्रों के अनुसार जनवरी 2019 में मनोज ने स्वजन को बताए बगैर एक मुस्लिम युवती से प्रेम विवाह किया था।

इससे अनजान माता पिता ने लड़की ढूंढ अगले ही माह फरवरी में उसका पूर्ण रीतिरिवाज से विवाह किया। जो यहां शिक्षिका है।दोनों से एक-एक बच्चा भी है। मगर मनोज इस बीच तनाव में आ गया।

पुलिस के अनुसार वह दोनों को अपनाने के लिए तिकड़म भिड़ाने में लगा था। हालांकि वह दिल्ली में पहली पत्नी के साथ भी नहीं रहा।

काेतवाल अशोक धनकड़ ने कहा कि बीते रोज मनोज को गुड़गांव रोड, हाउस नंबर-615, समालका, दक्षिण पश्चिम दिल्ली निवासी स्वजन के सुपुर्द कर दिया।

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