Big Breaking:-उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा में अनोखा आंदोलन, गाय-बैल लेकर तहसील घेराव करेंगे प्रदर्शनकारी; प्रशासन अलर्ट

स्याल्दे में चौकोट संघर्ष समिति का शिक्षा, स्वास्थ्य और गोसंरक्षण जैसे मुद्दों पर आंदोलन जारी है। प्रशासन ने गोवंश को गोशाला भेजना शुरू कर दिया है।

आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक सभी निराश्रित गोवंश को गोसदन नहीं भेजा जाता, तब तक अनशन जारी रहेगा।

तहसील घेराव की चेतावनी के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है और गोशालाओं में व्यवस्था की जा रही है।

स्याल्दे। शिक्षा, स्वास्थ्य व गोसंरक्षण आदि ज्वलंत मुद्दों पर चौकोट संघर्ष समिति का जनांदोलन असर करने लगा है। आज गुरुवार को 300 गोवंशी लेकर तहसील मुख्यालय के घेराव की चेतावनी से हलकान प्रशासन हरकत में आ गया है।

बेसहारा छोड़े गए गाय, बैल व बछड़ों को गोशाला भेजना शुरू कर दिया। पहले दिन 20 गोवंशी मछोड़ स्थित गोसदन पहुंचाए गए। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार विकासखंड के जैखाल व भैस्वाड़ा फार्म (अल्मोड़ा) में भी निरीह मवेशियों को शरण दी जाएगी।

इधर आंदोलनकारियों ने फिर चेताया है कि सभी निराश्रित गोवंश को गोसदन भेजने के बाद अन्य ज्वलंत मुद्दों के समाधान तक अनशन चलता रहेगा।


चौकोट संघर्ष समिति के बैनर तले बीते 27 अक्टूबर से विभिन्न गांवों के बाशिंदे क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं का समाधान न होने से ब्लाक मुख्यालय पर आमरण व क्रमिक अनशन पर डटे हैं।

बीते शनिवार को मातृशक्ति बाजार व ग्रामीण क्षेत्रों में बेसहारा घूम रहे गाय बैलों को हांकती हुई जुलूस लेकर तहसील जा धमकी थीं।

साथ ही 26 नवंबर तक निराश्रित मवेशियों को गोसदन में पहुंचाने की व्यवस्था न किए जाने पर 27 नवंबर को ब्लाकभर में बेसहारा घूम रहे गोवंश को तहसील परिसर में पहुंचाने व मुख्यालय में प्रदर्शन का भी ऐलान किया था। इधर बुधवार को ही प्रशासन तहसील घेराव की आशंका में अलर्ट मोड पर आ गया।

पहली खेप मछोड़ के गुरुकृपा गोसदन भेज आंदोलनकारियों का गुस्सा शांत करने का प्रयास किया। वहीं तंत्र के विरुद्ध नारेबाजी के बीच नरेंद्र सिंह व राजेंद्र सिंह आमरण तो लीला देवी, दीपा देवी, प्रमोद कुमार, हितेश बिष्ट आदि क्रमिक अनशन पर बैठे।

निराश्रित गोवंश को अलग-अलग गोशालाओं में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। वाहन मंगा लिया है। प्रत्येक गोसदन में 20 से 25 बेसहारा गाय बैल भेजे जाएंगे।

इनमें मछोड़ का राधा कृष्ण, जैखाल में गुरु कृपा व अल्मोड़ा का भैस्वाड़ा फार्म चिह्नित किया जा चुका है। पहले दिन 20 गोवंशी मछोड़ भेज दिए गए हैं।

आबिद अली, तहसीलदार स्याल्दे

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