Big Breaking:-रोजगार के नये केंद्र बनेंगे उत्तराखंड के गांव, नौ हजार युवाओं को मिली स्टार्टअप ट्रेनिंग

उत्तराखंड में युवा नवाचार से रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। सरकार की उद्यमिता योजना से प्रेरित होकर, वे अपने गांवों में ही स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। नैनीताल के पंकज पांडे और टिहरी की जैनब सिद्दीकी जैसे युवा उद्यमी दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

  1. युवाओं को स्टार्टअप का प्रशिक्षण मिला
  2. पहाड़ी गांवों में स्वरोजगार के अवसर
  3. उद्यमिता योजना से आत्मनिर्भरता की राह

देहरादून । राज्य के युवा नवाचार से पहाड़ों में सफलता की नई परिभाषा लिख रहे हैं। युवा पहले रोजगार की तलाश में पलायन करते थे, वे अब अपने ही गांवों में नवाचार आधारित उद्यम शुरू कर रहे हैं।

सरकार की उद्यमिता योजना के सहयोग से नैनीताल जनपद के भीमताल में पंकज पांडे का मधुमक्खी पालन केंद्र, टिहरी के जैनब सिद्दीकी का इको नेक्सस इनोवेशन तो उदाहरण हैं ही, आने वाले समय में पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ जनपदों में सैकड़ों युवा घर पर ही स्वरोजगार प्रारंभ कर रोजगार देने वाले बनेंगे।

करीब नौ हजार युवाओं को स्टार्टअप को जो प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है इसमें से चार हजार युवा पहाड़ी जनपदों से हैं, यहीं आगे चलकर सफल युवा उद्यमी के रूप में राज्य की आर्थिकी का संबल बन सकते हैं।

उद्यमिता योजना दिखा रही युवाओं को आत्मनिर्भरता की राह

सरकार की देवभूमि उद्यमिता योजना युवाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखा रही है। इस योजना का असर अब पहाड़ी गांवों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। भीमताल के पंकज पांडे ने मधुमक्खी पालन जैसे पारंपरिक कार्य को ‘पर्व हनी’ नामक ब्रांड में बदला।

प्रशिक्षण और 75,000 की सीड फंडिंग के सहारे उन्होंने एक साल में पांच लाख का कारोबार किया और वर्ष 2028 तक इसे 25 लाख तक ले जाने का लक्ष्य रखते हैं। टिहरी की जैनब सिद्दीकी ने पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखते हुए चीड़ की पत्तियों से कंपोज़िट बोर्ड बनाने की दिशा में कदम उठाया।

उन्हें विभिन्न स्रोतों से लगभग 6.75 लाख की राशि जुटाई। उनके स्टार्टअप ने पर्यावरणीय समाधान को व्यावसायिक अवसर में बदला।

उच्च शिक्षा संस्थान व शिक्षकों की अहम भूमिका

उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश के अब तक 124 उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता केंद्रों की स्थापना की गई है। इन केंद्रों के माध्यम से 14,260 विद्यार्थियों को उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। अब तक 8,901 विद्यार्थियों को स्टार्टअप निर्माण और विस्तार पर केंद्रित प्रशिक्षण प्राप्त दिया गया है। आगे राज्य के पहाड़ी जनपदों में एक उच्च शिक्षा संस्थान के आसपास के 30 गांवों के युवा इस योजना का लाभ लेंगे।

उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थापित केंद्र और प्रशिक्षित फैकल्टी युवाओं को मार्गदर्शन दे रहे हैं। यह योजना युवाओं को स्वरोजगार की स्थायी राह प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर है। विशेषकर पहाड़ी जनपदों में पलायन की समस्या का सबसे बड़ा समाधान बन सकता है।’

– डा धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री

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