
देहरादून न्यूज़- उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार भी आवारा कुत्तों के लिए सख्त नियमावली बनाने जा रही है। शहरी विकास विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक उप्र की पॉलिसी का अध्ययन कर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है और जल्द ही प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में नगर विकास विभाग के आदेश के अनुसार अगर कोई आवारा कुत्ता किसी को काटता है तो उसे 10 दिन के लिए एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर में रखा जाएगा।
वहीं, अगर वही कुत्ता दूसरी बार किसी को काटता है तो उसे उम्रकैद के लिए एबीसी सेंटर भेज दिया जाएगा। ऐसे कुत्तों को तभी छोड़ा जाएगा जब कोई अधिकृत व्यक्ति उन्हें गोद लेने के लिए तैयार होगा।
चिप से होगी निगरानी
उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा कुत्तों पर माइक्रो चिप लगाने का आदेश भी दिया है। इससे कुत्तों के व्यवहार और उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। उत्तराखंड सरकार भी इस व्यवस्था को अपनाने की तैयारी में है।
राज्य में 84 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते
पशुपालन विभाग के अनुसार उत्तराखंड में लगभग 84,000 आवारा कुत्ते हैं। इनमें से अकेले देहरादून में करीब 50,000 आवारा कुत्ते होने का अनुमान है। स्थानीय निकायों के अनुसार यह संख्या शहर दर शहर अलग-अलग है।
सरकार का मानना है कि नई नियमावली लागू होने से न सिर्फ कुत्तों के काटने की घटनाओं पर रोक लगेगी बल्कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ते कुत्ता आतंक को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
