
बिना स्वीकृति निर्माण करने वालों पर एमडीडीए का सख्त शिकंजा, जौलीग्रांट में अनाधिकृत निर्माण को किया गया सील, उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में लगातार कार्रवाई जारी




मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की ओर से अवैध प्लाटिंग, नियम विरुद्ध निर्माण और अनाधिकृत निर्माणों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के निर्देशन में विभिन्न क्षेत्रों में रोजाना कार्रवाई की जा रही है।
उपाध्यक्ष स्वयं टीम का नेतृत्व करते हुए मौके पर पहुंचकर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करा रहे हैं। एमडीडीए की यह कार्रवाई शहर को योजनाबद्ध और सुव्यवस्थित रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
प्राधिकरण का स्पष्ट संदेश है कि जो भी व्यक्ति बिना स्वीकृति के भूमि काटकर बेचने या निर्माण करने का प्रयास करेगा, उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जौलीग्रांट में एमडीडीए की टीम की कार्रवाई
प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को संजय ग्राम बागी वार्ड संख्या 07, कोठारी मोहल्ला, जौलीग्रांट, देहरादून में स्थित एक अनाधिकृत निर्माण को सील किया।
कार्रवाई के दौरान एमडीडीए के सहायक अभियंता प्रमोद मेहरा, कनिष्ठ अभियंता स्वाति, कनिष्ठ अभियंता प्रवेश नौटियाल और सुपरवाइजर अमर लाल भट्ट पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे।
सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया का बयान
सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि एमडीडीए का उद्देश्य देहरादून को सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध स्वरूप में विकसित करना है। इसके लिए नियमों का पालन करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
बिना स्वीकृति के किए जा रहे निर्माणों को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण नियमित निरीक्षण अभियान चला रहा है और जहां भी नियम विरुद्ध निर्माण पाए जा रहे हैं, वहां तत्काल सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी का बयान
उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण की प्राथमिकता शहर की सुंदरता, सुव्यवस्था और नियोजन को सुरक्षित रखना है। कोई भी व्यक्ति यदि बिना स्वीकृति निर्माण करता है या भूमि काटकर बेचता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि “देहरादून को स्मार्ट और सुव्यवस्थित सिटी के रूप में विकसित करने के लिए नियमों का सख्ती से पालन अनिवार्य है। जनता से अपील है कि किसी भी निर्माण से पहले नक्शा स्वीकृत करवाएं, ताकि बाद में किसी भी तरह की कार्रवाई से बचा जा सके।
