
चमोली में बर्फबारी के चलते संतोपथ ट्रेक पर फंसे 40 से अधिक ट्रेकर सुरक्षित वापस आ गए हैं। भारी बर्फबारी के कारण 35 ट्रेकर बेस कैंप से आगे नहीं बढ़ पाए जबकि कुछ पर्यटक गुफाओं में रहकर बर्फबारी का आनंद लेते रहे।
प्रशासन ने खराब मौसम के कारण ट्रेकिंग पर रोक लगा दी थी। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क ने भी संतोपथ ट्रेक पर अनुमति रोक दी है।
- संतोपथ ट्रेक पर फंसे 40 से अधिक ट्रेकर ,गाइड पोर्टर सकुशल वापस लौटे
- दो दिनों तक बर्फबारी के दौरन ट्रेकरों ने गुफाओं टेंटों में रहकर बर्फबारी का लिया आनंद
गोपेश्वर। बर्फबारी के चलते संतोपथ ट्रेक पर फंसे 40 से अधिक ट्रेकर ,गाइड पोर्टर सकुशल वापस लौट आए हैं। बताया गया कि 35 ट्रेकर तो संतोपथ के बेस कैंप चक्रतीर्थ से भारी बर्फबारी के कारण संतोपत नहीं जा पाए हैं।
दो दिनों तक बर्फबारी के दौरन ट्रेकरों ने गुफाओं टेंटों में रहकर बर्फबारी का आनंद लिया। तथा इसे प्रकृति का उपहार बताया है।
गौरतलब है कि रविवार तक 40 से अधिक ट्रेकर, गाइड, पोर्टर संतोपंथ ट्रेक पर गए थे। सोमवार व मंगलवार को खराब मौसम के चलते प्रशासन ने ट्रेकिंग रुटों पर आवाजाही की अनुमति रोक दी थी।
हालांकि दाे दिन की रोक के बाद अनुमति को लेकर मनाई नहीं है, लेकिन माणा से संतोपंथ तक 25 किमी के इस ट्रेक पर 10 किमी की दूरी में लक्ष्मी वन से आगे संतोपंथ तक बर्फ ही बर्फ है।
बताया कि यहां तीन फीट से अधिक बर्फ जमी है। संतोपथ सरोवर भी आगे बर्फ से ढक चुका है। दो दिन इंतजार के बाद यहां फंसे सभी ट्रेकर ,पोर्टर व गाइड सकुशल वापस लौट गए हैं।
बताया गया कि 25 से अधिक पर्यटक बर्फबारी के दौरान पर्यटक संतोपंथ से तीन किमी पहले बेस कैंप चक्रतीर्थ से आगे नहीं जा पाए यहां पर 35 से अधिक ट्रेकर मौजूद थे।
भारी बर्फबारी के कारण वे संतोपथ नहीं जा पाए। वन विभाग के निर्देशों के बाद मौके पर पहुंची टीम इन पर्यटकों को सकुशल वापस लाई है। हालांकि छ: से अधिक पर्यटक संतोपथ पहुंचे थे जो दो दिनों तक बर्फ के बीच गुफाओं में रहकर वापस लौटे हैं।
देहरादून निवासी कंप्यूटर साइंस के इंजीनियर अभय सिंह भी उन पर्यटको में शामिल है जो संतोपथ में दो दिनों तक गुफा में गुजार कर वापस लौटे हैंं। कहा कि संतोपथ सरोवर का आधे से अधिक हिस्सा बर्फ से ढका है।
कहा कि संतोपथ में छ: से अधिक पर्यटक व एक गाइड मौजूद था। बर्फबारी रविवार की रात्रि से शुरु हो गई थी। सोमवार व मंगलवार को बर्फबारी होती रही। बेस कैंप व संतोपंथ में पर्यटकों के पास पर्याप्त खाने का सामान था।
संतोपथ में गुफा में रहकर प्रकृति के इस तोहफे का आनंद ट्रेकरों ने लिया। कहा कि बुधवार को संतोपथ व चक्रतीर्थ बेस कैंप से सभी ट्रेकर, गाइड, पोर्टर वापस सुरक्षित लौट आए हैं।
ट्रेकरों का कहना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में ट्रेकिंग के दौरान बर्फबारी सहित अन्य खतरे रहते हैं। लेकिन ट्रेकिंग से पूर्व इन सब से निपटने के लिए ट्रेकर तैयार रहता है।
ऐसे में लगातार दो दिन तक बर्फबारी के बाद भी वहां मौजूद पर्यटकों ट्रेकरों का हौंसला बुलंद था। सबसे बड़ी बात यह थी कि टूर में पर्याप्त भोजन व्यवस्था थी। अगर कुछ दिनों ओर फंसते तो भी भोजन की कोई दिक्कतें नहीं थी।
बर्फ जमी होने के कारण संतोपथ ट्रेक पर फिलहाल अनुमति रोकी
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क ने फिलहाल मौसम को प्रतिकूल मानते हुए संतोपंथ ट्रेक पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हालांकि यह ट्रेक अक्टूबर माह तक खुला रहता है। संतोपंथ ट्रेक अति दुर्गम माना जाता है। माणा से संतोपथ तक इस ट्रेक पर निर्जन पड़ाव हैं।
ट्रेकरों पर्यटकों को गाइड के साथ ही नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क शुल्क लेकर अनुमति देता है। यह ट्रेक बद रीनाथ के कपाट खुलने के बाद शुरु होते हुए अक्टूबर माह तक सुचारु रहते हैं।
इस बार दो दिनों तक हुई बर्फबारी से संतोपंथ ट्रेक में 15 किमी क्षेत्र बर्फ से आच्छादित हो गया है। सबसे ज्यादा खतरा तो संतोपथ से पहले दो किमी क्षेत्र में हिमखंडो के ऊपर चलना पड़ता है।
इस क्षेत्र में होटल , या फिर रेस्टोरेंट भी नहीं है। टे्रकर को अपने साथ खाद्य सामग्री के साथ गाइड पोटर ले जाते हुए अपनी व्यवस्था खुद ही करनी पड़ती है।
खतरे को देखते हुए रविवार तक पर्यटकों को दी गई अनुमति के बाद भी वन विभाग ने उन्हें वापस बुलाया था जो सुरक्षित वापस भी पहुंच चुके हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क ने मौसम के बदले मिजाज के चलते खतरों को देखते हुए फिलहाल संतोपथ ट्रेकिग रुट पर अनुमति नहीं दी जा रही है। बताया गया कि मौसम अनुकूल होने या फिर रास्ता सुरक्षित होने के बाद अनुमति दी जाएगी।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की उपप्रभागीय वनाधिकारी सुमन ने बताया कि संतोपथ से सभी ट्रेकर सुरक्षित वापस लौट आए हैं संतोपथ क्षेत्र में भारी बर्फ जमी होने के चलते ट्रेकरों को अनुमति नहीं दी जा रही है। हालांकि अक्टूबर माह तक संतोपथ् ट्रेक पर अनुमति दी जाती रही है।
